Hindi, asked by jayprakashsuryavansh, 2 months ago

सतगुरु साचा सुरीबा ,चंचल मेल्हा मारी​

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Answered by dd973712
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Explanation:

सतगुरु सवाँ न को सगा, सोधी सईं न दाति ।

हरिजी सवाँ न को हितू, हरिजन सईं न जाति ।।१।।

सतगुरु के समान कोई सगा नहीं है। शुद्धि के समान कोई दान नहीं है। इस शुद्धि के समान दूसरा कोई दान नहीं हो सकता। हरि के समान कोई हितकारी नहीं है, हरि सेवक के समान कोई जाति नहीं है।

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