Hindi, asked by Animeshpillay1238, 14 hours ago

सतत और व्यापक आकलन आवश्यक है:यह समझना के लिए कि कैसे अधिगम को अवलोकन, रिकॉर्डऔर बेहतर बनाया जा सकता है→शिक्षा बोर्ड की जवाबदेही को कम करने के लिएशिक्षण के साथ परीक्षणों को सुधारने (फाईन ट्यूंनिंग) के लिएअधिक-बारंबार त्रुटियों की तुलना में कम- बारंबार त्रुटियों को ठीककरने के लिए​

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Answered by ranvir63
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सतत तथा व्यापक मूल्यांकन (Continuous and comprehensive evaluation) भारत के स्कूलों में मूल्यांकन के लिये लागू की गयी एक नीति है जिसे २००९ में आरम्भ किया गया था। इसकी आवश्यकाता शिक्षा के अधिकार के परिप्रेक्ष्य में आवश्यक हो गया था। यह मूल्यांकन प्रक्रिया राज्य सरकारों के परीक्षा-बोर्डों तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा शुरू की गयी है। इस पद्धति द्वारा ६वीं कक्षा से लेकर १०वीं कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाता है। कुछ विद्यालयों में १२वीं कक्षा के लिये भी यह प्रक्रिया लागू है

Answered by reshmatemkar
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