Political Science, asked by sunitajyoti515, 4 months ago

सतत् विकास किसे कहते हैं? व्याख्या करें।​

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Answered by ItzSuperBranded03
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Answer:

ऐसे विकास जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति इस प्रकार से करता है कि भावी पीढ़ी को अपनी आवश्यकताएँ पूरी करने के लिये किसी प्रकार का समझौता न करना पड़े, इसे सतत विकास या धारणीय विकास (Sustainable development) कहा जाता है। इस सतत विकास को हासिल करने के लिये वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र में महत्त्वाकांक्षी ‘सतत विकास लक्ष्य’ प्रस्तुत किये गए। इनमें 17 Goals एवं 169 targets निर्धारित किये गए हैं जो वर्ष 2016-2030 तक के लिये लक्षित है।

ऐसे विकास जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति इस प्रकार से करता है कि भावी पीढ़ी को अपनी आवश्यकताएँ पूरी करने के लिये किसी प्रकार का समझौता न करना पड़े, इसे सतत विकास या धारणीय विकास (Sustainable development) कहा जाता है। इस सतत विकास को हासिल करने के लिये वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र में महत्त्वाकांक्षी ‘सतत विकास लक्ष्य’ प्रस्तुत किये गए। इनमें 17 Goals एवं 169 targets निर्धारित किये गए हैं जो वर्ष 2016-2030 तक के लिये लक्षित है।भारत के समक्ष सतत विकास से जुड़ी चुनौतियाँ

ऐसे विकास जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति इस प्रकार से करता है कि भावी पीढ़ी को अपनी आवश्यकताएँ पूरी करने के लिये किसी प्रकार का समझौता न करना पड़े, इसे सतत विकास या धारणीय विकास (Sustainable development) कहा जाता है। इस सतत विकास को हासिल करने के लिये वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र में महत्त्वाकांक्षी ‘सतत विकास लक्ष्य’ प्रस्तुत किये गए। इनमें 17 Goals एवं 169 targets निर्धारित किये गए हैं जो वर्ष 2016-2030 तक के लिये लक्षित है।भारत के समक्ष सतत विकास से जुड़ी चुनौतियाँसंकेतकों को परिभाषित करनाः हमारी नीति निर्धारण प्रक्रिया की एक बड़ी कमी यह रही है कि सतत विकास से संबंधित परिणामों के आकलन के लिये प्रासंगिक संकेतकों को ठीक प्रकार से परिभाषित नहीं किया गया है।

ऐसे विकास जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति इस प्रकार से करता है कि भावी पीढ़ी को अपनी आवश्यकताएँ पूरी करने के लिये किसी प्रकार का समझौता न करना पड़े, इसे सतत विकास या धारणीय विकास (Sustainable development) कहा जाता है। इस सतत विकास को हासिल करने के लिये वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र में महत्त्वाकांक्षी ‘सतत विकास लक्ष्य’ प्रस्तुत किये गए। इनमें 17 Goals एवं 169 targets निर्धारित किये गए हैं जो वर्ष 2016-2030 तक के लिये लक्षित है।भारत के समक्ष सतत विकास से जुड़ी चुनौतियाँसंकेतकों को परिभाषित करनाः हमारी नीति निर्धारण प्रक्रिया की एक बड़ी कमी यह रही है कि सतत विकास से संबंधित परिणामों के आकलन के लिये प्रासंगिक संकेतकों को ठीक प्रकार से परिभाषित नहीं किया गया है।वित्त मुहैया करानाः केंद्र सरकार द्वारा सामाजिक क्षेत्र में खर्च में कटौती किये जाने के बाद अब राज्यों पर इसे पूरा करने की जिम्मेदारी आ गई है और राज्यों के पास वित्त की अपर्याप्तता के कारण इन लक्ष्यों को पूरा करना एक चुनौतिपूर्ण कार्य होगा।

Explanation:

hope this helps U.....

please mark as brainlist......

Answered by nileshkumarnl828
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Explanation:

ट्रांस्फॉर्मिंग आवर वर्ल्ड : द 2030 एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट' के संकल्प को, जिसे सतत विकास लक्ष्यों के नाम से भी जाना जाता है, भारत सहित 193 देशों ने सितंबर, 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय पूर्ण बैठक में स्वीकार किया गया था और इसे एक जनवरी, 2016 को लागू किया गया। सतत विकास लक्ष्यों का उद्देश्य सबके लिए समान, न्यायसंगत, सुरक्षित, शांतिपूर्ण, समृद्ध और रहने योग्य विश्व का निर्माण करना और विकास के तीनों पहलुओं, अर्थात सामाजिक समावेश, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को व्यापक रूप से समाविष्ट करना है। सहस्राब्दी विकास लक्ष्य के बाद, जो 2000 से 2015 तक के लिए निर्धारित किए गए थे, विकसित इन नए लक्ष्यों का उद्देश्य विकास के अधूरे कार्य को पूरा करना और ऐसे विश्व की संकल्पना को मूर्त रूप देना है, जिसमें कम चुनौतियां और अधिक आशाएं हों।

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