Hindi, asked by lipikajain, 1 year ago

सदा जीवन उच्च विचार पर अनुछेद​

Answers

Answered by nishkarsh1997
12

Answer:

वास्तव में विचारों की उच्चता भी जीवन की सादगी का ही एक प्रकार और रूप है। जिनके विचार उच्च होते हैं, वह लोग हमेशा सत्कर्मों के संपादन में ही प्रवृत्त रहा करते हैं। ऐसा करते समय उन्हें बाहरी तड़क-भड़क करने का न तो ध्यान रहता है और न ही समय रहा करता है। उनका विचार और कर्म, बल्कि सारा जीवन व्यवहार के स्तर पर सादगी का प्रतिरूप बनकर रह जाया करता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कर्ममय जीवन उदाहरणस्वरूप लिया और देखा जा सकता है। वह जो कर गए हैं, संसार के इतिहास में आज तक अन्य कोई भी ऐसा नहीं कर सका, उनका व्यक्तित्व सादगी का साकार स्वरूप था। सादा जीवन से अर्थ केवल तड़क-भड़क से दूर रहना या सादे वस्त्र धारण कर लेना ही नहीं है बल्कि उसका अर्थ विचार और कर्म में भी सादगी है जो कि उच्चता का प्रतीक और उदाहरण बन सके। महात्मा गांधी का चरखा चलाना, गुरु नानक देव का खेती-बाड़ी करना, संत कबीर का कपड़ा बुनना, भगवान श्री कृष्ण का गाय चराना वास्तव में विचार और कर्म की सादगी की उच्चता का प्रकट करना ही है। सादगी और विचारों की उच्चता ही जीवन को, समाज को, देश और राष्ट्र को महान एवं सफल बनाया करती है। वास्तव में इन गुणों की कोई भी काट संसार में विद्यमान नहीं है। सादगी से रहने वाला व्यक्ति ही संतोष रूपी धन प्राप्त कर के समान रूप से सब में बांट कर माननीय उच्चता के विचार का प्रचारक और रक्षक हो सकता है। जातियों और धर्मों का भला भी इसी में है। सभी जातियों, धर्मों के महान नेता स्वयं तो सादगी और उच्च विचारों के उदाहरण, आदर्श रहे हैं साथ ही उन्होंने अपने अनुयायियों को भी सादगी से ही रहने का उपदेश दिया। अतः यदि हम भी अपना, अपने घर परिवार, समाज, देश और राष्ट्र का वास्तविक उत्कर्ष चाहते हैं तो हमें भी सादा जीवन उच्च विचार सूक्ति में निहितार्थ का उचित पालन करना चाहिए।

Similar questions