Hindi, asked by ashagawli8962, 5 months ago

सदैव चरणं कुत्र विधेहि ?



पुरत:

वामत:

पश्चात

दक्षिण:

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Answered by amber1234
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Answer:

प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते हैं-

(1) संज्ञा (2) सर्वनाम (3) विशेषण (4) अव्यय (5) क्रियाविशेषण (6) क्रिया (7) संबंधबोधक (8) समुच्चयबोधक

(1) संज्ञा का पदपरिचय:- वाक्य में संज्ञापदों का पदपरिचय करते समय संज्ञा, संज्ञा के भेद, लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया या अन्य पदों के साथ उसका संबंध बतलाना आवश्यक है।

उदाहरण1- हिमालय भारत का पहाड़ है। उपर्युक्त वाक्य में 'हिमालय' 'भारत' और 'पहाड़' संज्ञापद है।

इनका पदपरिचय निम्नलिखित तरीके से किया जाएगा-

हिमालय : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक 'है' क्रिया का कर्ता है।

भारत : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक इस पद का संबंध 'पहाड़' से हैं।

पहाड़ : जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक।

दूसरा उदाहरण- लंका में राम ने वाणों से रावण को मारा।

इस वाक्य में 'लंका'

Answered by Asimmahi
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Answer:

आदि तो वह शब्द विशेषण है।

(3)रेखांकित शब्द वाक्य में जो क्रिया है उसकी विशेषता बताता है तो वह क्रिया विशेषण है। जैसे कि- क्रिया कब हो रही है (कल, अभी, दिनभर), क्रिया कैसे हो रही है (चुपचाप, अवश्य, तेजी से), क्रिया कहाँ हो रही है (अंदर, ऊपर, आसपास), क्रिया कितनी मात्रा में हो रही है (कम, पर्याप्त, ज्यादा)

(4)अगर रेखांकित शब्द किसी दो या अधिक संज्ञा और सर्वनाम के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह संबंधबोधक अव्यय है। जैसे:- के पास, के ऊपर, से दूर, के कारण, के लिए, की ओर

(5)रेखांकित शब्द किसी दो वाक्यों के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह समुच्चयबोधक अव्यय है। जैसे- और, अतएव, इसलिए, लेकिन

(6)अ

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