सद्वृत्ति ,उत्तम स्वभाव, सद्व्यवहार ,आचरण, हृदय की कोमलता आदि गुणों से युक्त व्यक्ति को ही हम शीलवान कह सकते हैं । ये ही सद्गुण जीवन के लिए परम आवश्यक हैं । मानव को मानव बनाने वाली यही पूर्णता पाली में 'पारमिता' के नाम से जानी जाती है । मनुष्य में शील का होना आवश्यक ही नहीं वरन उसकी पूर्णता भी आवश्यक है । शीलयुक्त व्यवहार मनुष्य की प्रकृति और व्यक्तित्व को उद्घाटित करता है । उत्तम, प्रशंसनीय और पवित्र आचरण ही शील है । शील युक्त व्यवहार प्रत्येक व्यक्ति के लिए हितकर है । इससे मनुष्य की ख्याति बढ़ती है । शीलवान व्यक्ति सब का हृदय जीत लेता है । शील युक्त व्यवहार से कटुता दूर भागती है ।संदेह की स्थितियाँ कभी उत्पन्न नहीं होती । सुखद वातावरण का सृजन होता है ,जिसमें सभी प्रसन्नता का अनुभव करते हैं । शीलवान व्यक्ति अपने संपर्क में आने वाले सभी लोगों को प्रभावित करता है ।उसके किसी कार्य के बिगड़ने की नौबत नहीं आती । अधिकारी -अधीनस्थ, शिक्षक - शिक्षार्थी, छोटे-बड़े आदि सभी के लिए शीलयुक्त व्यवहार समान रूप से आवश्यक है । शील के अभाव में शिक्षार्थी वांछित शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकता । शीलवान अधिकारी या कर्मचारी में आत्मविश्वास की वृद्धि होगी । इस अमूल्य गुण की उपस्थिति में अधिकारी वर्ग और अधीनस्थ कर्मचारियों के बीच शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच तथा शासक और शासित के बीच मधुर संबंध स्थापित होंगे और कार्य कुशलता में वृद्धि होगी ।इस गुण के
माध्यम से छोटे से छोटा व्यक्ति बड़ों की सहानुभूति अर्जित कर लेता है ।
1 .मानव को मानव बनाने वाली पूर्णता पाली में किस नाम से जानी जाती है ?
सद्गुण
परमगुण
पारमिता
परमपिता
2 .शीलयुक्त व्यवहार मनुष्य के किस पक्ष को उद्घाटित करता है ?
प्रकृति के व्यवहार को
व्यक्तित्व और विशिष्टता को
मनुष्य की प्रकृति और व्यक्तित्व को
मनुष्य के आचरण को
3 .शीलवान व्यक्ति किसे प्रभावित करता है ?
संपर्क में आने वाले सभी लोगों को
आसपास की प्रकृति को
संपर्क में आने वाले मित्रों को
परिवार जनों को
4 .शिक्षार्थी में शील स्वभाव का अभाव होने पर क्या होता है ?
शिक्षक का प्रिय नहीं बन सकता
शिक्षक से सामंजस्य स्थापित नहीं कर सकता
शिक्षा का लाभ नहीं उठा सकता
शिक्षक से वांछित शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकता
5 .शालीनता के गुण से सभी वर्ग के लोगों के जीवन में क्या परिवर्तन आता है ?
शील स्वभाव में वृद्धि होती है
कार्यकुशलता में वृद्धि होती है
कार्य कुशलता में परिवर्तन आता है
व्यक्ति कार्य कुशल बन जाता है
6 .समास के कितने भेद होते हैं ?
2
3
6
8
7 . किस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं?
तत्पुरुष समास में
द्वंद्व समास में
द्विगु समास में
कर्मधारय समास में
8 . 'सुपुत्र' शब्द में समास भेद बताइए---
कर्मधारय समास
अव्ययीभाव समास
तत्पुरुष समास
द्विगु समास
9. किस समास में पहला पद संख्यावाचक होता है?
द्वंद्व समास
द्विगु समास
कर्मधारय समास
बहुव्रीहि समास
10. 'महात्मा' शब्द में समास भेद बताइए-
कर्मधारय समास
द्विगु समास
द्वंद्व समास
अव्ययीभाव समास
11. समस्तपद के सभी पदों को अलग- अलग करना क्या कहलाता है?
समास
समस्तपद
सामासिक शब्द
समास- विग्रह
12. गधा बुद्धिहीन क्यों कहलाता है?
अपने सीधेपन के कारण
काम ज्यादा करने के कारण
मूर्ख होने के कारण
ऋषि- मुनियों जैसा होने के कारण
13. दोनों बैलों को रोटी खिलाने कौन आती थी?
गया की पत्नी
झूरी की पत्नी
भैरो की बेटी
झूरी की बेटी
14. कवि के अनुसार सच्चा संत कौन है?
जो निष्पक्ष भक्ति करता है
जो ज्ञान रूपी हाथी पर चढ़ा हुआ है
जो मानसरोवर में स्नान करता है
जो सच्चा प्रेम करता है
15. कवि ने संसार की तुलना किससे की है?
ज्ञान से
जीवन रूपी सागर से
स्वान से
मानसरोवर से
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