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Satsangati Essay in Hindi सत्संगति पर निबंध
May 21, 2017 By admin Leave a Comment
Essay on Satsangati in Hindi इंसान जैसी संगत में रहता है वैसा ही बन जाता है इसीलिए कहा गया है जैसी संगत वैसी रंगत। सत का अर्थ है – अच्छा और संगति का अर्थ है –साथ इसीलिए सत्संगति का सम्पूर्ण अर्थ है अच्छे लोगों का साइंसान के जीवन में सत्संगति का बड़ा महत्व होता है। अच्छे लोगों के साथ इंसान अच्छे विचारों को ग्रहण करता है और बुरे लोगों के साथ बुरी आदतें को ग्रहण करता है। इसीलिए इस पर एक कहावत प्रचलित है “काजिल को कोठरी में चाहे कितना भी सयाना व्यक्ति क्यों ना हो उसे थोडा बहुत काजिल तो लग ही जाता है। हमें अपने जीवन में कभी न कभी एक मित्र की आवशयकता अवश्य पडती है परन्तु इसका यह अर्थ यह नहीं के आप अपनी मित्रता कुसंग लोगों के साथ रखें एक कुसंग मित्र विष के समान होता है जबकि एक अच्छा मित्र एक औषधि। सत्संगति (Satsangati) में रहकर ही असली चिरित्र का निर्माण होता है अच्छे बुरे चरित्र का निर्माण आप पर निर्भर करता है के आप कैसी संगती में रह रहे हैं अच्छी जा बुरी। सत्संगति के बहुत सारे फ़ायदे हैं अच्छे लोगों के साथ रहने से आदतों में सुधार होता है और हमारा मार्गदर्शन होता है। यदि आप बुरी संगती में पड़ गए हो तो आप कितने भी बुद्धिमान क्यों ना हो आप कभी भी अपने जीवन में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। इसके इलावा अच्छी सत्संगति वाला इंसान जीवन में आगे बढ़ता है उसके अंदर अच्छे विचार निर्माण करते हैं और उनसे प्रेरणा मिलती रहती है। अच्छी संगती में तो बड़ी से बड़ी समस्या भी छोटी लगने लगती है। अच्छे मित्र बुरे समय में अच्छी सलाह देंगे वे आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। बुरे लोगों के साथ रहने से अनेक प्रकार की हानियां होती है गेहूं के साथ घुन भी पिस जाता है बुरा साथ सदैव निंदा और अपयश दिलाता है और भविष्य को अंधकार भरा बना देता है। सत्संगति के कारण तो अंगुलिमाल नामक डाकू सब कुछ छोड़ कर संत बन गया और विभीषण लंका का राजा बन गया था इसीलिए मनुष्य की संगती ही उसकी असली पहचान करवाती है। इसीलिए सदा यही कोशिश रहनी चाहिए के हमें हमेशा अच्छे लोगों के साथ रहें सत्संगति से हमें सुख शांति यहां तक के इंसान और समाज की उन्नति करती है।
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