Hindi, asked by srjith, 1 year ago

satsangeet par anuched

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Answered by sairockzz
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मानव का समाज में उच्च स्थान प्राप्त करने के लिए सत्संगति उतनी ही आवश्यक है जितनी कि जीवित रहने के लिए रोटी और कपड़ा । वह शैशवकाल से ही पेट भरने का प्रयत्न करता है ।

तब से ही उसे अच्छी संगति मिलनी चाहिए जिससे वह अपनी अवस्थानुसार अच्छे कार्यों को कर सके और बुरी संगति के भयानक पंजों से अपनी रक्षा कर सके । यदि वह ऐसा न कर सका तो शीघ्र ही बुरा बन जाता है ।

बुरे व्यक्ति का समाज में बिल्कुल भी आदर नहीं होता है । उसका थोड़ा-सा भी बुरा कर्म उसके जीवन के लिए त्रिशूल बन जाता है । फिर वह गले-सड़े हुए फल के समान ही अपने जीवन का अन्त कर डालता है । अत: प्रत्येक मानव को कुसंगति से बचना चाहिए ।

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