Satya aur Ahinsa ke Vishay mein Gandhiji ke vicharo ko sankshep Mein bataiye
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गाँधी जी कहते है की लालची और कायर व्यक्ति कभी भी अहिंसा का पुजारी नही हो सकता। निभर्भीकता के बिना सच्ची अहिंसा प्राप्त करना असंभव है। अहिंसा शूरवीरों का आभूषण है एक शुरवीर ही अहिंसा का पुजारी हो सकता है। जो मनुष्य सशक्त होकर भी बल का प्रयोग न करे दण्ड देने की शक्ति होने पर भी क्षमा कर दे वही अहिंसा का उपासक है।
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