Hindi, asked by astapandit750, 7 months ago

Satya का upsarg aur pratyay bataiye

Answers

Answered by rishitasaha12
11

upsarg = a, pratyay not known sure but you can write satyavadi

Answered by pragyan07sl
2

Answer:

उपसर्ग: सत्यवादी

प्रत्यय: असत्य

Explanation:

उपसर्ग:

  • उपसर्ग वह प्रत्यय है जो मूल शब्द के पहले आता है।(शब्दांश किसी शब्द से पहले लगाकर नए शब्द का निर्माण करते हैं)
  • जब इसे किसी शब्द के आरंभ में जोड़ा जाता है, तो यह एक अलग शब्द बन जाता है।  जैसे- उपसर्ग : विनम्र, प्रत्यय : म्रता
  • एक उपसर्ग को प्रदर्शनकारी के रूप में भी जाना जाता है, खासकर भाषाओं के अध्ययन में, क्योंकि यह उन शब्दों के रूप को बदल देता है जिनसे यह जुड़ा हुआ है।

प्रत्यय:

  • जो शब्दांश किसी शब्द से अंत में लगाकर नए शब्द का निर्माण करते हैं, भाषाविज्ञान में एक शब्द स्टेम का अनुसरण करता है। विशेषण, क्रिया के अंत और मामले के अंत, जो संज्ञा और क्रिया के व्याकरणिक मामलों को निर्दिष्ट करते हैं, विशिष्ट उदाहरण हैं।
  • प्रत्यय शाब्दिक जानकारी (व्युत्पन्न / शाब्दिक प्रत्यय) या व्याकरण संबंधी जानकारी (क्रिया विशेषण प्रत्यय) व्यक्त कर सकते हैं।
  • निर्णायक या व्याकरणिक प्रत्यय विभक्ति प्रत्यय के अन्य नाम हैं।
  • इस तरह की विभक्ति किसी शब्द के व्याकरणिक गुणों को उसकी वाक्य-विन्यास श्रेणी में बदल देती है।
  • वर्ग-परिवर्तन व्युत्पत्ति और वर्ग-संरक्षण व्युत्पत्ति दो प्रकार के व्युत्पन्न प्रत्यय हैं।

उपसर्ग: सत्यवादी- भगवान राम के भक्त राजा हरिशचंद्र बहुत ही "सत्यवादी" राजा थे।

प्रत्यय: असत्य- "असत्य" पर सत्य की हमेशा जीत होती है।

#SPJ3

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