Hindi, asked by sapnaahirwar011, 3 months ago

सवाले सपनों की याद ka saransh​

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Answered by vikasrawat15
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पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - साँवले सपनों की याद क्षितिज भाग - 1

पाठ का सार

इस पाठ में लेखक हुसैन जी ने पक्षी प्रेमी सालिम अली का स्मरण करते हुए उनका व्यक्तित्व परिचय दिया है। लेखक ने बताया वो ठीक एक सैलानी के तरह अपने कंधो पर बोझ उठाये पलायन कर गए परन्तु यह उनका आखिरी पलायन था यानी वो मृत्यु को प्राप्त हुए। वो प्रकृति में ठीक उस पक्षी की तरह विलीन हो गए जो आखिरी गीत गाने के बाद मौत की गोद में जा बसा हो। सालिम का मानना था की लोग पक्षियों को आदमी की नजर से देखना चाहते हैं।

लेखक ने वृन्दावन का जिक्र करते हुए कहा है की भले ही कृष्ण के बचपन की शरारतों को किसी ने नही देखा, कब उन्होंने घने पेड़ की छाहों में विश्राम किया और कब उन्होंने बांसुरी बजाई यह कोई नही जानता पर आज भी अगर कोई वृन्दावन जाकर नदी के सांवले पानी को देखे तो वह कृष्ण की याद दिला देता है। आज भी वृन्दावन कृष्ण की बांसुरी के जादू से खाली नही हुआ।

उसी तरह सालिम अली को भी पक्षी प्रेमी के रूप में हरदम याद किया जाएगा। पूर्व समय की याद करते हुए लेखक ने बता

या है की वे उम्र की सौवें पड़ाव के करीब थे, यात्राओं की थकान ने उन्हें कमजोर कर दिया था और कैंसर जैसी जानलेवा मृत्यु उनके मौत का कारण बनी। परन्तु एक बात स्पष्ट थी की वे सब मिलकर उनकी आँखों से वह रोशनी छीनने में सफल नही हो पायीं जो पक्षियों की तलाश और उनके हिफाजत के प्रति समर्पित थीं। अपने जीवन के एकांत क्षणों में भी वह दूरबीन के साथ पक्षियों को निहारते ही देखे गए। वे उनलोगों में से थे जो प्रकृति के प्रभाव में ना जाकर प्रकृति को अपने प्रभाव में लाता है। उन्होंने अपना जीवनसाथी अपने स्कूल सहपाठी तहमीना को चुना, जिन्होने हर लम्हे में उनका सहयोग दिया।

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