सविनय अवज्ञा आंदोलन में व्यवसायी वर्ग की भूमिका का वर्णन कीजिए।
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Answer:
The role of business classes in the 'Civil
Disobedience' Movement
(a) Indian industrialists had made huge
profits during the First World War.
(b) They became powerful. They
wanted to expand their business, they
wanted protection against imports of
foreign goods.
(c) They formed the Indian Industries
and Commercial Congress in 1920.
(d) They formed Federation of the
Indian Chamber of Commerce and
Industries in 1927.
(e) Purshotamdas, Thakurdas and G.D
Birla attacked colonial control over the
Indian economy and supported the
Civil Disobedience Movement.
सिविल' में व्यापारिक वर्गों की भूमिका
अवज्ञा 'आंदोलन
(a) भारतीय उद्योगपतियों ने भारी कमाई की थी
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लाभ।
(b) वे शक्तिशाली बन गए। वे
अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहते थे, वे
के आयात के खिलाफ सुरक्षा चाहता था
विदेशी माल।
c) उन्होंने भारतीय उद्योग का गठन किया
और 1920 में वाणिज्यिक कांग्रेस।
(d) उन्होंने फेडरेशन का गठन किया
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स और
1927 में उद्योग।
(e) पुरुषोत्तमदास, ठाकुरदास और जी.डी.
बिड़ला ने औपनिवेशिक नियंत्रण पर हमला किया
भारतीय अर्थव्यवस्था और समर्थन किया
सविनय अवज्ञा आंदोलन।
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