Hindi, asked by ampillim, 9 months ago

सवार
ठार
भारतीयों के बारे में कविता में क्या बतार
गया है?
ठा
न​

Answers

Answered by jaymishra200511
2

Answer:

मुगलिया सल्तनत से मरते दम तक टक्कर लेने वाले राजपूत आन बान और शान के ध्वजा वाहक महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के कुम्भलगढ़ में महाराणा उदयसिंह के घर हुआ था।

महाराणा प्रताप के बारे में कुछ ऐसे बातें हैं, जिनके बार एक बारगी लोगों का विश्वास करना मुश्किल होगा, लेकिन वो सच है। जैसे उनके भाले का वजन 81 किलो, छाती का कवच 72 किलो, भाला, कवच, ढाल और दो तलवारें मिलाकर कुल वजन 208 किलो था। ये सारी चीजें आज भी उदयपुर राज घराने के संग्राहलय में सुरक्षित हैं। 7 फीट और पांच इंच लंबे प्रताप के घोड़े के बारे में कई किस्से हैं। उनके घोड़े का नाम चेतका था।

आज आपको चेतक की वो कविता पढ़ाते हैं जो कभी भारत के सरकारी स्कूलों के पाठयक्रम का हिस्सा हुआ करती थी। श्याम नाराणय पांडेय की चेतक पर लिखी कविता भी प्रताप की तरह अजर-अमर लोगों के बीच शब्दों में अजर-अमर है।

रण–बीच चौकड़ी भर–भरकर

चेतक बन गया निराला था।

राणा प्रताप के घोड़े से¸

पड़ गया हवा को पाला था।

गिरता न कभी चेतक–तन पर¸

राणा प्रताप का कोड़ा था।

वह दोड़ रहा अरि–मस्तक पर¸

या आसमान पर घोड़ा था।।

जो तनिक हवा से बाग हिली¸

लेकर सवार उड़ जाता था।

राणा की पुतली फिरी नहीं¸

तब तक चेतक मुड़ जाता था।।

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पूरी कविता इस प्रकार है....

बकरों से बाघ लड़े¸

भिड़ गये सिंह मृग–छौनों से।

घोड़े गिर पड़े गिरे हाथी¸

पैदल बिछ गये बिछौनों से।।1।।

हाथी से हाथी जूझ पड़े¸

भिड़ गये सवार सवारों से।

घोड़ों पर घोड़े टूट पड़े¸

तलवार लड़ी तलवारों से।।2।

Answered by bhawanilightho18
1

Answer:

The answer is very long.

I will answer you later on.

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