Political Science, asked by kishangupta3110, 3 months ago

सविधान
कीजिए
भारत का थान एक जीवंत पस्गवन है।
अपना तर्क देते हुए इस वाका का
चित्य स्पष्ट
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Answers

Answered by somyashreeroul20
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Answer:

अब तक राज्य की उत्पत्ति के संबंध में जिन सिद्धांतों का प्रतिपादन किया गया, उनमें दैवी सिद्धांत, शक्ति सिद्धांत, सामाजिक समझौता सिद्धांत, पैत्रक सिद्धांत और मात्रक सिद्धांत हैं, लेकिन राज्य की उत्पत्ति की व्याख्या के रूप में इनमें से किसी भी सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया जा सकता। दैवीय शक्ति सिद्धांत और समझौता सिद्धांत में एक बात समान रूप से पाई जाती हैं कि राज्य का एक विशेष समय पर निर्माण किया गया, किंतु वास्तव में राज्य का निर्माण नहीं किया गया, यह तो निरंतर विकास का परिणाम है। इसके साथ ही पैत्रक और मात्रक सिद्धांत की इस बात को भी स्वीकार नहीं किया जा सकता कि राज्य परिवार का विस्तार मात्र है, क्योंकि परिवार और राज्य की प्रकृति में कुछ आधारभूत भेद है।

राज्य विकास का परिणाम है, और राज्य की उत्पत्ति की सही व्याख्या ऐतिहासिक या विकासवादी सिद्धांत द्वारा ही की गई है। इस सिद्धांत के अनुसार राज्य का विकास एक लंबे समय से चला आ रहा है और आदिकालीन समाज से क्रमिक विकास करते करते इसने वर्तमान राष्ट्रीय राज्य के स्वरूप को प्राप्त किया है।

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