Hindi, asked by bhaiajay74577, 2 months ago

सवैया छंद को उदाहरण सहित लिखिएए,के,एल​

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Answered by prabhatkaushal17
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Answer:

चाँद चले नहिं रात कटे, यह सेज जले जइसे अगियारी

नागिन सी नथनी डसती, अरु माथ चुभे ललकी बिंदिया री।

कान का कुण्डल जोंक बना, बिछुआ सा डसै उँगरी बिछुआ री

मोतिन माल है फाँस बना, अब हाथ का बंध बना कँगना री ॥

काजर आँख का आँस बना, अरु जाकर भाग के माथ लगा री

हाथ की फीकी पड़ी मेंहदी, अब पाँव महावर छूट गया री।

काहे वियोग मिला अइसा, मछरी जइसे तड़पे है जिया री

आए पिया नहि बीते कई दिन, जोहत बाट खड़ी दुखियारी ॥

--प्रताप नारायण सिंह

रसखान के सवैये बहुत प्रसिद्ध हैं। कुछ उदाहरण-

मानुस हौं तो वही रसखान, बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन।

जो पसु हौं तो कहा बस मेरो, चरौं नित नंद की धेनु मँझारन॥

पाहन हौं तो वही गिरि को, जो धर्यो कर छत्र पुरंदर कारन।

जो खग हौं तो बसेरो करौं मिलि कालिंदीकूल कदम्ब की डारन॥

सेस गनेस महेस दिनेस, सुरेसहु जाहि निरंतर गावैं।

जाहि अनादि अनंत अखण्ड, अछेद अभेद सुभेद बतावैं॥

नारद से सुक व्यास रहे, पचिहारे तौं पुनि पार न पावैं।

ताहि अहीर की छोहरियाँ, छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं॥

कानन दै अँगुरी रहिहौं, जबही मुरली धुनि मंद बजैहैं।

माहिनि तानन सों रसखान, अटा चढ़ि गोधन गैहैं पै गैहैं॥

टेरि कहौं सिगरे ब्रजलोगनि, काल्हि कोई कितनो समझैहैं।

माई री वा मुख की मुसकान, सम्हारि न जैहैं, न जैहैं, न जैहैं॥

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Answered by missprachi6265
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