save water speech in hindi
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Explanation:
हम जल बचाओ पर विभिन्न शब्द सीमाओं में स्कूल के विद्यार्थियों के लिए भाषणों की श्रृंखला प्रदान कर रहे हैं। इस तरह के जल बचाओ भाषण विद्यार्थियों के स्कूल में आयोजित किसी भी अवसर के दौरान भाषण प्रतियोगिता में बिना किसी डर के भाग लेने में मदद करेंगे। आप नीचे दिए गए किसी भी भाषण को अपनी जरुरत और आवश्यकता के अनुसार चुन सकते हैं:
जल बचाओ पर छोटे तथा बड़े भाषण (Short and Long Speech on Save Water in Hindi)
भाषण 1
आदरणीय महानुभाव, अध्यापक एंव अध्यापिकाएं और मेरे प्यारे साथियों, सभी को मेरा सुप्रभात। मैं इस विशेष अवसर पर बहुत ही महत्वपूर्ण विषय जल बचाओ पर अपना भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, कैसे पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता के लिए पानी आवश्यक है। यह सभी (मनुष्य, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे और अन्य सूक्ष्म जीव) की आधारभूत आवश्यकता है। जल जीवन का अद्वितीय स्रोत है, यहाँ पानी के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
अन्य ग्रहों पर जीवन सिर्फ पानी के अभाव की वजह से संभव नहीं है। पृथ्वी अन्य ज्ञात खगोलीय पिंडों के बीच सबसे महत्वपूर्ण ग्रह मानी जाती है। पृथ्वी का लगभग तीन-चौथाई क्षेत्र पानी से घिरा हुआ है और आवासीय विश्व का लगभग 60-70% भाग को पानी घेरे हुये है। यह दिखाता है कि, पानी पृथ्वी पर नवीनीकृत स्रोत है क्योंकि यह पृथ्वी पर वाष्पीकरण और बारिश के माध्यम से पुनःउत्पादित और पुनःवितरित किया जाता है। यह हमारे दिमाग में एक सवाल को जन्म देता है कि यदि पानी नवीनीकृत स्रोत है तो फिर क्यों हम पानी के लिए चिन्तित हो रहे हैं और इसको संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।
जल संरक्षण
वास्तव, में पृथ्वी पर केवल 1% पानी है, जो हमारे लिए उपयोगी है। और अन्य पानी के स्रोत प्रयोग न करने योग्य पानी जैसे: समुद्र का पानी, जो 97% खारा होता है, 2% पानी जो ग्लेशियर और ध्रुवीय आइसकैंप के रुप में है। केवल 1% पानी ही हमारे लिए है, जिस पर पूरे विश्व की भारी जनसंख्या जीवन जीने के लिए निर्भर है। मृत्यु भोजन की कमी से ज्यादा पानी के अभाव में अधिक संभव है। यह फिर से हमारे मस्तिष्क में एक और सवाल उठाता है कि, हम जल बचाओ की आवश्यकता को इतनी देर से क्यों महसूस कर रहे हैं?
पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों का जीवन पानी पर निर्भर करता है, तब तो यह परिदृश्य बहुत बदतर हो जाएगा जब उपयोग करने योग्य पानी गंदा हो जाए या कम होना शुरु कर हो जाए। बाहर से देखने पर पानी साफ और पीने योग्य लगता है, उसमें उद्योगों, कारखानों, सीवर, जैसे आदि विभिन्न स्रोतों के माध्यम से हानिकारक और विषैले तत्वों का मिश्रण हो सकता है और यदि यह पशुओं, पेड़-पौधों या मनुष्य द्वारा निगल लिया जाए तो यह बीमारी और मृत्यु का कारण हो सकता है। कुछ सुझाव है, जो वास्तव में जल बचाने में मदद करेंगे:
माता-पिता को अपने बच्चों को जल बचाओ की आवश्यकता के बारे में बताना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों के लिए पानी के प्रयोग से चलने वाले खिलौने नहीं देने चाहिए।
सभी को पानी को संग्रहित करने वाले नियमों और अनुदेशों से अवगत होना चाहिए और उनका अपने क्षेत्र में कड़ाई से पालन करना चाहिए।
सभी नियोक्ताओं को अपने कार्यस्थल पर जल बचाओ के लिए सक्रिय रहना चाहिए और दूसरे नियोक्ताओं को भी अन्य प्रभावी तरीकों से जल बचाओ के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
स्कूलों, कॉलेजों, कार्यस्थलों, कार्यालयों, संस्थानों, आदि पर उन्मुखीकरण मार्गदर्शन और प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक स्टार्टर (शुरुआत करने वाले) के लिए जल बचाओ के प्रति जागरूकता और सुझाव होने चाहिए।
जल बचाओ की तकनीकों को सभी मीडिया न्यूज चैनलों में जैसे: टीवी, अखबार, रेडियो, एफ.एम., समुदायों, खबरों, आदि में प्रोत्साहन के लिए दिखाया जाना चाहिए।
लोगों को अपने क्षेत्रों में टूटे पाइप, घूमकर छिड़काव करने वाला साधन, खुले हाईड्रेन्ट, बिना किसी रुकावट के कुएं से बहते हुये पानी आदि के बारे में सक्रियाता से (उनके मालिक, स्थानीय अधिकारी, जिले के जल प्रबंधन अधिकारियों) को सूचित करना चाहिए।
जल बचाओ जागरुकता को बहुत ज्यादा विकसित और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए विशेष रुप से स्कूलों में बच्चों को जागरुक करने के लिए, जिन्हें राष्ट्र का भविष्य कहा जाता है।
स्कूल के विद्यार्थियों को जल बचाओ के विषय पर प्रोजेक्ट तैयार करने या यह विषय डिबेट, चर्चा, निबंध लेखन या भाषण प्रतियोगिता में दिया जाना चाहिए।
इसे पर्यटन स्थल पर भी प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि पर्यटक और दर्शक भी इस विषय के बारे में जागरुक हों और जल बचाओ की आवश्यकता को जाने।
एक पढ़े-लिखे नागरिक होने के नाते हमें अपने दोस्तों, और पड़ौसियों को भी जल बचाओ के कार्यक्रमों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
सभी को जल बचाओ से संबंधित एक लक्ष्य बनाना चाहिए और दिन के अंत तक उसे सख्ती से पूरा करना चाहिए।
धन्यवाद।
Answer:
हम सब जानते हैं कि हमारी पृथ्वी का एक तिहाई हिस्सा पानी है जिसमें से कुछ बर्फ के रूप में जमा हुआ है, कुछ नदियों और जलाशयों में भरा हुआ है। हमारे पास प्रयोग करने के लिए स्वच्छ जल केवल 0.98 प्रतिशत है जिसे भी मानव प्रतिदिन अपनी गतिविधियों से दुषित करता जा रहा है। हम पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है। हम प्रतिदिन नहाने, खाना बनाने, कपड़े धोने, साफ सफाई आदि में पानी का प्रयोग करते हैं। पानी केवल मनुष्य के लिए ही जरूरी नहीं है अपितु हमारी वनस्पति, पेड़ पौधे और पशुओं को भी पानी की आवश्यकता है।
हम धीरे धीरे पानी के महत्व को भूलते जा रहे है और उसे बर्बाद करते जा रहे हैं। हम स्वच्छ जल को दुषित करके भी उसे प्रयोग में लाने योग्य नहीं रहने दे रहे है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक समय ऐसा आऐगा जब धरती पर एक बूँद भी पानी नहीं रहेगा और हम सब भूख प्यास से मर जाऐंगे और हमारी पृथ्वी बिल्कुल वीरान और बंजर हो जाऐगी।
पानी के अभाव को देखते हुए आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरत पानी को बचाने की है और यह एक वैश्विक मुद्दा है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। हमें लोगों को पानी के प्रति जागरूक करना चाहिए और उन्हें पानी बचाने के लिए कहना चाहिए। हमें नलों को बहते हुए नहीं छोड़ना चाहिए और नहाने के लिए फव्वारे की बजाय बाल्टी का प्रयोग करना चाहिए। हमें वर्षा जल संचयन की प्रक्रिया को अपनाना चाहिए। इस प्रक्रिया के अंतर्गत हम वर्षा के चल कौ एकत्रित करते हैं और उस जल को साफ सफाई और सिंचाई आदि को लिए प्रयोग करते है। पानी का दुषित होना भी पानी की कमी का कारण है और उद्योग पानी को दुषित करने में अहम भूमिका निभाते है। इसलिए उद्योगों को नदियों और नहरों से दुर लगाना चाहिए। पशुओं को भी नहरों में नही नहलाना चाहिए और न ही आस्था और भक्ति के नाम पर नदियों में राख को बहाना चाहिए। हम बिजली का सीमित प्रयोग करके भी पानी को बता सकते हैं क्योंकि बिजली की उत्पति पानी से ही होती है। हमारा कल हमारे जल सरंक्षण पर निर्भर है।