Savinay avagya aandolan per Prakash dale
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सविनय अवज्ञा आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में सन 1930 ई० में दांडी मार्च के साथ आरंभ हुआ। इसका प्रथम चरण सन 1931 ई० में समाप्त हुआ। दूसरे चरण का आरंभ 1934 ई० में हुआ। अंग्रेजी सरकार भारतीय जनता पर बहुत अत्याचार कर रही थी। इस अत्याचार से जनता बहुत दुखी थी। सन 1919 ई० में एक अधिनियम पास हुआ जिसमें जनता को शासन में कोई स्थान न मिला। इस बात से भारतीय जनता के मन में बहुत क्रोध भर गया। असहयोग आंदोलन के समाप्त होने के बाद अंग्रेजों द्वारा कुछ ऐसे कानून और अधिनियम पास किए गए जो भारतीय जनता एवं उनके हितों के लिए हमेशा अनुचित एवं हित विरोधी थे। इस प्रकार की कानूनों का विरोध होना स्वाभाविक था। सन 1927 में साइमन कमीशन भारत आया इस कमीशन का काम यह देखना था कि भारतीयों को कौन से अधिकार देने चाहिए और कौन से अधिकार नहीं देने चाहिए। इसमें कोई भारतीय सदस्य नहीं था। इसलिए भारतीय जनता एवं नेताओं ने इस कमीशन का बहुत विरोध किया। सन 1929 में कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वतंत्रता का प्रस्ताव पास किया जिससे देश में अंग्रेजी सरकार के खिलाफ विद्रोह की लहर फैल गई। महात्मा गांधी ने ऐसे वातावरण को ध्यान में रखते हुए सविनय अवज्ञा आंदोलन आरंभ कर दिया।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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