say no to polybags speech in Hindi
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जिस प्लास्टिक को हम बड़ी शान से अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाए हुए हैं, वही अब हमारी नसों में पैबस्त होकर हमें खोखला, बहुत खोखला करता जा रहा है। रसायन विज्ञान की यह खोज मानवता के लिये धीमा जहर बन चुकी है। रिसाइकिल की पर्याप्त व्यवस्था न होने से यहाँ-वहाँ प्लास्टिक के ढेर जमा हैं। प्राकृतिक रूप से यह सड़नशील नहीं है। सैकड़ों-हजारों वर्षों में इसकी धुर्री-धुर्री भूजल में मिल रही है। जिस पानी को हम पीते हैं, उसमें प्लास्टिक के सूक्ष्म कण मिलने लगे हैं, कई जगह समुद्र के पानी से बने नमक में भी ये प्लास्टिक मिला है। यही प्लास्टिक आगे जाकर हमारी पीढ़ियों को रुग्ण बनाएगा। अब आपको सोचना है कि प्लास्टिक से परहेज करके अपनी पीढ़ियों को बचाना है या उन्हें उनकी किस्मत पर छोड़ देना है। दुनिया भर में प्लास्टिक के बढ़ते खतरे के प्रति आगाह करने के लिये इसे बार 22 अप्रैल को मनाए जा रहे पृथ्वी दिवस की थीम भी यही है, प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करो।
प्लास्टिक खत्म करने की पहल
हमारी ही लापरवाही का नतीजा है कि समुद्र में प्लास्टिक कचरा बढ़ रहा है आशंका है कि अगर यही स्थिति रही तो 2050 तक समुद्र में मछलियों से अधिक प्लास्टिक कचरा नजर आएगा। हालांकि इससे निपटने के प्रयास भी जारी हैं। इसी क्रम में नीदरलैंड ने समुद्र साफ करने की पहल कर दी है।
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