Hindi, asked by binodkumaryadav074, 19 days ago

सयानी बुआ में कौन-कौन से गुण

Answers

Answered by prashantyadav8d
0

Answer:

सब पर मानो बुआजी का व्यक्तित्व हावी है. सारा काम वहां इतनी व्यवस्था से होता जैसे सब मशीनें हों, जो कायदे में बंधी, बिना रुकावट अपना काम किए चली जा रही हैं. ठीक पांच बजे सब लोग उठ जाते, फिर एक घंटा बाहर मैदान में टहलना होता, उसके बाद चाय-दूध होता. उसके बाद अन्नू को पढ़ने के लिए बैठना होता. भाई साहब भी तब अख़बार और ऑफ़िस की फ़ाइलें आदि देखा करते. नौ बजते ही नहाना शुरू होता. जो कपड़े बुआजी निकाल दें, वही पहनने होते. फिर कायदे से आकर मेज पर बैठ जाओ और खाकर काम पर जाओ. सयानी बुआ का नाम वास्तव में ही सयानी था या उनके सयानेपन को देखकर लोग उन्हें सयानी कहने लगे थे, सो तो मैं आज भी नहीं जानती, पर इतना अवश्य कहूंगी कि जिसने भी उनका यह नाम रखा, वह नामकरण विद्या का अवश्य पारखी रहा होगा.

बचपन में ही वे समय की जितनी पाबंद थीं, अपना सामान संभालकर रखने में जितनी पटु थीं, और व्यवस्था की जितना कायल थीं, उसे देखकर चकित हो जाना पड़ता था. कहते हैं, जो पेंसिल वे एक बार ख़रीदती थीं, वह जब तक इतनी छोटी न हो जाती कि उनकी पकड़ में भी न आए तब तक उससे काम लेती थीं. क्या मजाल कि वह कभी खो जाए या बार-बार नोंक टूटकर समय से पहले ही समाप्त हो जाए. जो रबर उन्होंने चौथी कक्षा में ख़रीदी थी, उसे नौवीं कक्षा में आकर समाप्त किया.

Similar questions