Hindi, asked by kookpaints, 5 hours ago

school khel diwas par anuched in hindi (50 - 100 words) (phaltu javab mat dena)​

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Answered by ramroopbharati
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Explanation:

खेलों को शिक्षा का अनिवार्य अंग माना जाता है । इसे ध्यान में रखते हुए हमारे विद्‌यालय में खेलों पर पर्याप्त महत्त्व दिया जाता है । इसी कड़ी का एक महत्त्वपूर्ण दिन है-हर वर्ष एक नियत समय पर होनेवाली खेल-कूद प्रतियोगिता । इस प्रतियोगिता को वार्षिक खेल के नाम से जाना जाता है । मेरे विद्‌यालय में वार्षिक खेल प्रतिवर्ष मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में आयोजित होते हैं ।

विद्‌यालय में होनेवाले वार्षिक खेलों में विद्‌यालय का कोई भी विद्‌यार्थी भाग ले सकता है । इसके लिए उसे खेल-शिक्षक के पास जाकर अपने नाम की अर्जी देनी होती है । उसे बताना पड़ता है कि वह खेलों की किस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहता है । यह कार्य दो महीने पूर्व ही पूरा हो जाता है । इस बीच सभी भागीदार खिलाड़ियों को संबंधित खेलों का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है । प्रशिक्षण प्राप्त खिलाड़ी वार्षिक खेलों में कड़ी प्रतियोगिता करते हैं ।

वार्षिक खेलों का कार्यक्रम प्रात: आठ बजे आरंभ हो जाता है । विद्‌यालय के बड़े से मैदान में शिक्षकगण एवं बहुत से विद्‌यार्थी उपस्थित रहते हैं । कक्षा- अध्यापक अपनी- अपनी कक्षा के खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते दिखाई देते हैं । खिलाड़ी प्रतियोगिता के लिए मैदान में आने से पूर्व खेल से संबंधित पोशाक पहनते हैं ।

प्रतियोगिता प्रधानाचार्य महोदय के संक्षिप्त भाषण से आरंभ होती है । वे विद्‌यार्थी के लिए खेलों के महत्त्व पर चर्चा करते हैं तथा विशिष्ट अतिथि का स्वागत करते हैं । सभी लोग विशिष्ट अतिथि के स्वागत में तालियाँ बजाते हैं ।

अब वार्षिक खेल औपचारिक रूप से आरंभ हो जाते हैं । सर्वप्रथम एथलेटिक्स की प्रतियोगिताएँ होती हैं । इनमें लंबी कूद, ऊँची कूद, पोल वांल्ट ,डिस्कस थ्रो, जेबलिन थ्रो, गोला फेंक, सौ मीटर व दो सौ मीटर की दौड़, बाधा दौड़े आदि की प्रतियोगिताएँ होती हैं । फिर खो-खो,कवड्‌डी और बैडमिंटन की प्रतियोगिताएँ करायी जाती हैं । खिलाड़ियों और दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता है । विद्‌यार्थी प्रतियोगिता के आरंभ और अंत में जोरदार तालियाँ बजाते हैं । विजेता खिलाड़ियों का तालियों से स्वागत होता हैं । कुछ विद्‌यार्थी रंग-बिरंगे गुब्बारे उड़ाते हैं । रंग-बिरंगी झंडियों से सजे मैदान में उत्सव का सा समाँ बँध जाता है ।

Answered by ritikathakur1881
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राष्ट्रीय खेल दिवस भारत में मनाने वाला एक पर्व है जो की हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है| इस पर्व का बहुत महत्व है| इस पर्व को 29 अगस्त को मनाने के पीछे एक मुख्या कारण यह है की इसी दिन भारत देश के दिग्गज हॉकी प्लेयर मेजर ध्यानचंद का जन्मदिवस होता है| उन्होंने अपने खेल से भारत का नाम बहुत ऊँचा किया था|

खेल शारीरिक क्रिया है, जो विशेष तरीके और शैली से की जाती है और सभी के उसी के अनुसार नाम भी होते हैं। भारतीय सरकार ने विद्यार्थियों और बच्चों के कल्याण और अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक कौशल को सुधारने के लिए विद्यालय और कॉलेजों में खेल खेलना अनिवार्य कर दिया है। बच्चों का किसी भी खेल में भाग लेना बहुत ही आवश्यक और महत्वपूर्ण है। विद्यार्थियों और बच्चों को घर पर अभिभावकों और स्कूल में शिक्षकों द्वारा प्रोत्साहित और प्रेरित करना चाहिए। यह बढ़ते हुए बच्चों के लिए बहुत ही आवश्यक है ताकि, उनमें अच्छी आदतें और अनुशासन विकसित हो, जो उनके वयस्क होने तक नियमित रहती है और अगली पीढ़ी में हस्तान्तरित होती है।

आजकल, एक बेहतर भविष्य का निर्माण करने के लिए खेल बहुत ही प्रभावी तरीका है क्योंकि यह सभी के लिए समान और अच्छी नौकरी के अवसरों को प्रदान करता है। यह खेल गतिविधियों का आयोजन करने वाले देश के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का अच्छा माध्यम है। यह एक देश के नागरिकों को अपने देश के खेल में जीतने पर गर्वान्वित महसूस कराता है। यह प्रोत्साहित करता है और देशभक्ति की भावना को विकसित करता है। यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत से देशों के बीच तनावों का कम करने का तरीका है। यह व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक ताकत को सुधारने में मदद करने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक मजबूती में भी सुधार करता है।

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