Hindi, asked by viddhyanidhi482, 1 year ago

School mai khel pratiyogita

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Answered by Alokssj43
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खेल लोगों को अपनी क्षमताओं का बेहतरीन इस्तेमाल करने, सहकारी टीम प्रयास का हिस्सा बनने, जीतने और हारने का आनंद एवं कई बार दुख अनुभव करने के बहुत से अवसर उपलब्ध कराते हैं। साथ में खेल में होड़ करना बस मजे की बात होती है।

प्रतियोगिता लोगों को अपने जीवन में विपरीत स्थितियों का सामना करने के लिए तैयार करती है और चुनौती और परिवर्तन की सूरत में डटकर मुकाबला करना सिखाती है।

पक्षाघात वाले खिलाडि़यों के लिए स्थानीय बाल फील्ड, रिंक, जिम या ट्रैक, यहां तक कि पैरालिम्पिक्स के भद्र स्थलों में भी होड़ करने के असंख्य अवसर होते हैं।बास्केटबॉल और टेनिस जैसे कुछ खेलों में खूब शारीरिक कंडीशनिंग की आवश्यकता होती है। बिलियर्ड्स और सेलिंग समेत अन्य खेल ज्यादा दांवपेंच वाले होते हैं।

व्हीलचेयर वाले अपनी चेयर्स, हैंडबाइक्स, ऑटोमोबाइल्स, सेलबोट्स आदि को दौड़ाते हैं। वे वजन उठाते हैं, वाटर स्किस पर रैम्पों के ऊपर दौड़ते हैं, पार्किंग लाट्स में फुटबाल खेलते हैं, राइफल दागते हैं और हॉकी खेलते हैं। संभावनाएं अनंत हैं। अगर आपका रुझान कमोबेश किसी भी खेल की तरफ हो जाए तो ऐसे लोग हैं जो कि वह खेल आपको खेलने की सुविधा देंगे। चुपचान किनारे बैठने की कोई वजह नहीं है।

पुनर्वास पेशेवर अपंग लोगों के सफल संक्रमण में खेलों एवं मनोरंजन के महत्व पर जोर देते हैं। अपंगता, रीढ़रज्जु की चोट और पक्षाघात लोगों में आत्मविश्वास की कमी और अवसाद का कारण बन सकता है और इसकी वजह से लोग परिवार एवं मित्रों से अलग-थलग रहने लग सकते हैं। खेल सफलता के लिए अवसर प्रदान करते हैं जो कि आत्मविश्वास पैदा कर सकते हैं और जो अब नहीं किया जा सकता उसके बजाय इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि क्या संभव है।
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