School me nakal ki roktham par 200 shbdo me ek dainik samachar patra ke liy sampadkiy likhiy
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आजकल के किशोर व युवाओ के लिए सफलता प्राप्त करना ही प्रमुख उद्देश्य है|वर्ष भर मेहनत न करने वाले परीक्षा में नकल करने से भी नही हिचकते| आजकल ये प्रवृत्ति बढती जा रही है| हालाँकि विद्यालय प्रशासन भी अति सतर्कता बरत रहे है, उडनदस्तो का गठन व उनके द्वारा अचानक निरिक्षण, दोषी छात्रों को कड़ी सजा या उन्हें परीक्षा के अयोग्य घोषित करना आदि| वर्तमान में तकनीक ने खासी प्रगति की है और विद्यार्थी इसमें पारंगत होते है इसलिए ब्लूटूथ का इस्तेमाल,मोबाइल छिपाकर परीक्षा कक्ष में जाना जैसी वारदाते आम हो चली है| ये समझ से परे है कि जितना श्रम विद्यार्थी इन नकल करने में करते है उतना श्रम यदि वर्ष भर अध्ययन करने में लगाये तो न सिर्फ उनका ज्ञान वृहद् होगा वरन वे परीक्षा कक्ष में पकड़े जाने से भयभीत नही रहेंगे| अत: विद्यालय में नक़ल की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए| कभी तो परीक्षक इतने मजबूर हो जाते है कि विद्यार्थियों को कपडे उतार कर परीक्षा देनी होती है| जो नकलची पकड़े नहीं जाते और सफल हो जाते है वे मेहनती और ईमानदार छात्रो के हितों पर कुठाराघात है अत: नकल की रोकथाम अति आवश्यक है|