Hindi, asked by kazmiadeeba, 7 months ago

school me pustak devas banata jayega uspe krye virth likheyeq​

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Answered by Anonymous
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हर वर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है | पुस्तको में निहित अनुभव की बाते हमारा मार्गदर्शन करती है | अच्छी पुस्तके हमे रास्ता दिखाने के साथ साथ हमारा मनोरंजन भी करती है | उनसे अच्छा साथी हमारे लिए कोई नही है | लोकमान्य तिलक कहा करते थे “मै नरक में भी उत्तम पुस्तको का स्वागत करूंगा , क्योंकि इसमें वह शक्ति है कि जहा ये होगी वहा अपने आप ही स्वर्ग बन जाएगा ” | पुस्तको की इसी विशेषता पर मुग्ध होकर प्रोस्तीन फिरल्स कहते है “पुराने कपड़े पहनकर , नई पुस्तके खरीदिये” |

पुस्तके प्रेरणा का भंडार है | उन्हें पढकर जीवन में कुछ महान कार्य करने की प्रेरणा मिलती है | जवाहरलाल नेहरु ने लिखा है कि “उन्हें रोबर्ट फ्रास्ट की काव्य पंक्तियों से निरंतर कर्म करने की प्रेरणा मिली” | मैथिलीशरण गुप्त की “भारत-भारती” पुस्तक पढकर कितनी ही नौजवानों ने आजादी के आन्दोलन में भाग लिया था | रूस की क्रान्ति में मार्क्स के विचारों की महत्वपूर्ण भूमिका थी |

पुस्तके भी आज की मानव सभ्यता के मूल में है | पुस्तको के द्वारा एक पीढ़ी का ज्ञान दुसरी पीढ़ी तक पहुचते पहुचते सारे युग में फ़ैल जाता है | पुस्तके प्रकाश-गृह की भांति है जो अँधेरे में भी रोशनी कर सही दिशा दिखाती है | पुस्तको के माध्यम से ही हम अपने पूर्वजो के ज्ञान और अनुभव को समझ सकते है | पुस्तके किसी भी विचार , संस्कार या भावना के प्रसार का सबसे शक्तिशाली साधन है |

तुलसीदास के रामचरितमानस ने तथा वेदव्यास रचित महाभारत ने अपने युग को तथा आने वाली शताब्दियों को पुरी तरह प्रभावित किया है | हमारा वर्तमान भारत “रामायण” और महाभारत के संस्कारो से ही निर्मित है | आजकल विभिन्न सामजिक आन्दोलन तथा विविध विचारधाराए अपने प्रचार-प्रसार के लिए पुस्तको को उपयोगी अस्त्र के रूप में प्रयोग करती है |

पुस्तके मनुष्य के मनोरंजन में भी सहायक सिद्ध होती है | मनुष्य अपने एकान्त क्षणों को पुस्तको के साथ गुजार सकता है | आज विद्वान लोग एकमत से स्वीकार करते है कि पुस्तको का प्रभाव दूरदर्शन या रेडियो से अधिक गहरा होता है | कारण स्पष्ट है कि पुस्तक अध्ययन करते समय मनुष्य पुरी तरह से पुस्तक के विचारों में खोया रहता है इसलिए किसी ने कहा है कि “पुस्तके जागृत देवता है उनकी सेवा करके तत्काल वरदान प्राप्त किया जा सकता है | वे अपना अमृतकोष सदैव हम पर न्योछावर करने को तैयार रहती है “

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