school par nibandh likhiye in hindi
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मेरे विद्यालय का नाम राजकीय सहशिख्या माध्यमिक विद्यालय, किर्ति नगर है । यह एक आदर्श विद्यालय है । यहाँ शिक्षा खेल-कूद तथा अन्य शिक्षेतर गतिविधियों की उत्तम व्यवस्था है । यहाँ का वातावरण शांत एवं मनोरम है ।
मेरे विद्यालय में छठी से लेकर दसवीं कक्षा तक की पढाई होती है । प्रत्येक कक्षा में दो या तीन सेक्सन (अनुभाग) हैं । विद्यालय का भवन दुमंजिला है । इसमें लगभग पचास कमरे हैं । कक्षा के सभी कमरे, फर्नीचर, पंखे आदि से सुसज्जित एवं हवादार हैं । प्रधानाचार्य का कक्ष विशेष रूप से सजा हुआ है । इसके अलावा स्टाफ रूम पुस्तकालय कक्ष, हॉल, कंप्यूटर कक्ष प्रयोगशाला कक्ष आदि भी सभी प्रकार की उत्तम व्यवस्था से युक्त हैं । विद्यालय में पेयजल और शौचालय का भी समुचित प्रबंध है ।
मेरे विद्यालय में लगभग ढाई हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं । अध्यापक- अध्यापिकाओं की संख्या पचास है । इनके अतिरिक्त दस अन्य स्टॉफ भी हैं । इनमें तीन क्लर्क एक माली एवं पाँच चपरासी हैं । एक दरबान है जो रात्रिकाल में विद्यालय की चौकीदारी करता है ।
शिक्षा के मामले में मेरा विद्यालय शहर में अग्रणी स्थान रखता है । प्राय : सभी विद्यार्थी अच्छे अंकों से पास होते हैं । शिक्षकगण विद्यार्थियों की प्रगति का पूरा लेखा-जोखा रखते हैं । अधिकांश शिक्षक विद्वान, अनुभवी एवं योग्य हैं । हमारी प्रधानाचार्या सुसंस्कृत एवं अनुशासनप्रिय हैं । उनके नेतृत्व में विद्यालय दिन-दूनी रात-चौगुनी उन्नति कर रहा है । वे विद्यालय के चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध दिखाई देती हैं । विद्यार्थी प्रधानाचार्या के प्रति बहुत आदरभाव रखते हैं ।
मेरे विद्यालय में छठी से लेकर दसवीं कक्षा तक की पढाई होती है । प्रत्येक कक्षा में दो या तीन सेक्सन (अनुभाग) हैं । विद्यालय का भवन दुमंजिला है । इसमें लगभग पचास कमरे हैं । कक्षा के सभी कमरे, फर्नीचर, पंखे आदि से सुसज्जित एवं हवादार हैं । प्रधानाचार्य का कक्ष विशेष रूप से सजा हुआ है । इसके अलावा स्टाफ रूम पुस्तकालय कक्ष, हॉल, कंप्यूटर कक्ष प्रयोगशाला कक्ष आदि भी सभी प्रकार की उत्तम व्यवस्था से युक्त हैं । विद्यालय में पेयजल और शौचालय का भी समुचित प्रबंध है ।
मेरे विद्यालय में लगभग ढाई हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं । अध्यापक- अध्यापिकाओं की संख्या पचास है । इनके अतिरिक्त दस अन्य स्टॉफ भी हैं । इनमें तीन क्लर्क एक माली एवं पाँच चपरासी हैं । एक दरबान है जो रात्रिकाल में विद्यालय की चौकीदारी करता है ।
शिक्षा के मामले में मेरा विद्यालय शहर में अग्रणी स्थान रखता है । प्राय : सभी विद्यार्थी अच्छे अंकों से पास होते हैं । शिक्षकगण विद्यार्थियों की प्रगति का पूरा लेखा-जोखा रखते हैं । अधिकांश शिक्षक विद्वान, अनुभवी एवं योग्य हैं । हमारी प्रधानाचार्या सुसंस्कृत एवं अनुशासनप्रिय हैं । उनके नेतृत्व में विद्यालय दिन-दूनी रात-चौगुनी उन्नति कर रहा है । वे विद्यालय के चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध दिखाई देती हैं । विद्यार्थी प्रधानाचार्या के प्रति बहुत आदरभाव रखते हैं ।
Krishnagupta11:
hlw
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एक मंदिर की तरह ही एक स्कूल बहुत ही वास्तविक जगह होती है जहाँ हम रोज अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिये पढ़ने और सीखने जाते है। अपने बेहतर जीवन और सही पढ़ाई के लिये हम रोज स्कूल में भगवान से प्रार्थना करते है। हम रोज अपने कक्षा अध्यापक को सुबह का नमस्कार करते है और वो अपने मुस्कुराते चेहरे के साथ हमें जवाब देती है। हमारे स्कूल में उसके पीछे की तरफ एक बहुत बड़ा उद्यान है। स्कूल एक ऐसी जगह है जहाँ व्यक्ति अपने शिक्षक के सहयोग से सबकुछ सीखता है। शिक्षक हमें हमारी पढ़ाई में कड़ी मेहनत करने के लिये मदद करते है और अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करते है। वो हमें स्वच्छता, स्वाथ्य विज्ञान, उचित स्वथ्य आहार व व्यवहार के बारे में बताते है।
हमारे शिक्षक हमेशा हमें खेल क्रियाओं, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, मौखिक-लिखित परीक्षा, वाद-विवाद, समूह चर्चा, स्कॉउटेड आदि दूसरी क्रियाओं में भाग लेने के लिये प्रेरित करते है। हमारे कक्षा अध्यापक हमें स्कूल के अनुशासन को बनाए रखना और स्कूल परिसर को साफ और स्वच्छ बनाए रखने को बताते। प्रार्थना के स्टेज पर हमारे प्रधानाचार्य हमें प्रतिदिन प्रेरणादायक संदेश देते है। पूरे जीवन भर हम सच्चा, ईमानदार, आज्ञाकारी और समझदार बनने के लिये सीखते है। हम सीखते कि कैसे अपनी कक्षा में पढ़ाई में एकाग्र होना है? हमारा स्कूल सालाना खेल प्रतियोगिता, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, नृत्य प्रतियोगिता आयोजित करता है जिसमें भाग लेना हमारे लिये बेहद जरुरी होता है।
हमारे शिक्षक हमेशा हमें खेल क्रियाओं, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, मौखिक-लिखित परीक्षा, वाद-विवाद, समूह चर्चा, स्कॉउटेड आदि दूसरी क्रियाओं में भाग लेने के लिये प्रेरित करते है। हमारे कक्षा अध्यापक हमें स्कूल के अनुशासन को बनाए रखना और स्कूल परिसर को साफ और स्वच्छ बनाए रखने को बताते। प्रार्थना के स्टेज पर हमारे प्रधानाचार्य हमें प्रतिदिन प्रेरणादायक संदेश देते है। पूरे जीवन भर हम सच्चा, ईमानदार, आज्ञाकारी और समझदार बनने के लिये सीखते है। हम सीखते कि कैसे अपनी कक्षा में पढ़ाई में एकाग्र होना है? हमारा स्कूल सालाना खेल प्रतियोगिता, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, नृत्य प्रतियोगिता आयोजित करता है जिसमें भाग लेना हमारे लिये बेहद जरुरी होता है।
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