Hindi, asked by sarodeyash84, 7 months ago

Section A: Attempt any one question
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर हिंदी में लगभग २५० शब्दों में संक्षिप्त लख लिखिए। (15mark)
आज जीवन के प्रत्यक क्षेत्र में भ्रष्टाचार व्याप्त है। इसके कारण और उपायों पर चर्चा करते हुए एक प्रस्ताव तैयार कीजिए।
(9) प्रस्तुत चित्र को ध्यान से देखिए और चित्र को आधार बनाकर उसका परिचय देते हुए कोई लख कहानी अथवा घटना लिखिए जिसका सीधा व स्पष्ट संबंध चित्र से होना चाहिए।​

Answers

Answered by payalkhanna8791
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Explanation:

अपना कार्य ईमानदारी से न करना भ्रष्टाचार है अतः ऐसा व्यक्ति भ्रष्टाचारी है। समाज में आये दिन इसके विभिन्न स्वरूप देखने को मिलते हैं। भ्रष्टाचार के संदर्भ में यह कहना मुझे अनुचित नहीं लगता, वही व्यक्ति भ्रष्ट नहीं हैं जिन्हें भ्रष्टाचार करने का अवसर नहीं मिला।

भ्रष्टाचार के विभिन्न प्रकार

रिश्वत की लेन-देन - सरकारी काम करने के लिए कार्यालय में चपरासी (प्यून) से लेकर उच्च अधिकारी तक आपसे पैसे लेते हैं। इस काम के लिए उन्हें सरकार से वेतन प्राप्त होता है वह वहां हमारी मदद के लिए हैं। इसके साथ ही देश के नागरिक भी अपना काम जल्दी कराने के लिए उन्हे पैसे देते हैं अतः यह भ्रष्टाचार है।

चुनाव में धांधली - देश के राजनेताओं द्वारा चुनाव में सरेआम लोगों को पैसे, ज़मीन, अनेक उपहार तथा मादक पदार्थ बांटे जाते हैं। यह चुनावी धान्धली असल में भ्रष्टाचार है।

भाई-भतीजावाद - अपने पद और शक्ति का गलत उपयोग कर लोग भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हैं। वह अपने किसी प्रिय जन को उस पद का कार्यभार दे देते हैं जिसके वह लायक नहीं हैं। ऐसे में योग्य व्यक्ति का हक उससे छिन जाता है।

नागरिकों द्वारा टैक्स चोरी - नागरिकों द्वारा टैक्स भुगतान करने हेतु प्रत्येक देश में एक निर्धारित पैमाना तय किया गया है। पर कुछ व्यक्ति सरकार को अपने आय का सही विवरण नहीं देते और टैक्स की चोरी करते हैं। यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में अंकित है।

शिक्षा तथा खेल में घूसखोरी - शिक्षा तथा खेल के क्षेत्र में घूस लेकर लोग मेधावी व योग्य उम्मीदवार को सीटें नहीं देते बल्कि जो उन्हें घूस दे, उन्हें दे देते हैं

इसी प्रकार समाज के अन्य छोटे से बड़े क्षेत्र में भ्रष्टाचार देखा जा सकता है। जैसे राशन में मिलावट, अवैध मकान निर्माण, अस्पताल तथा स्कूल में अत्यधिक फीस आदि। यहां तक की भाषा में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है। अजय नावरिया के शब्दों में “मुंशी प्रेमचंद्र की एक प्रसिद्ध कहानी सतगति में लेखक द्वारा कहानी के एक पात्र को दुखी चमार कहा गया है, यह आपत्तिजनक शब्द के साथ भाषा के भ्रष्ट आचरण का प्रमाण है। वहीं दूसरे पात्र को पंडित जी नाम से संबोधित किया जाता है। कहानी के पहले पात्र को “दुखी दलित” भी कहा जा सकता था।“

भ्रष्टाचार के परिणाम

समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार देश की उन्नति में सबसे बड़ा बाधक तत्व है। इसके वजह से गरीब और गरीब होता जा रहा है। देश में बेरोजगारी, घूसखोरी, अपराध की मात्रा में दिन-प्रतिदन वृद्धि होती जा रही है यह भ्रष्टाचार के फलस्वरूप है। किसी देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारणवश परिणाम यह है की विश्व स्तर पर देश के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जाते हैं।

भ्रष्टाचार के उपाय

भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कानून - हमारे संविधान के लचीलेपन के वजह से अपराधी में दण्ड का बहुत अधिक भय नहीं रह गया है। अतः भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है।

कानून की प्रक्रिया में समय का सदुपयोग - कानूनी प्रक्रिया में बहुत अधिक समय नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। इससे भ्रष्टाचारी को बल मिलता है।

लोकपाल कानून की आवश्यकता - लोकपाल भ्रष्टाचार से जुड़े शिकायतों को सुनने का कार्य करता है। अतः देश में फैले भ्रष्टाचार को दूर करने हेतु लोकपाल कानून बनाना आवश्यक है।

इसके अतिरिक्त लोगों में जागरूकता फैला कर, प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बना और लोगों का सरकार तथा न्याय व्यवस्था के प्रति मानसिकता में परिवर्तन कर व सही उम्मीदवार को चुनाव जिता कर भ्रष्टाचार रोका जा सकता है।

निष्कर्ष

हर प्रकार के भ्रष्टाचार से समाज को बहुत अधिक क्षति पहुंचती है। हम सभी को समाज का ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह प्रण लेना चाहिए, न भ्रष्टाचार करें, न करनें दें।

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