History, asked by kajalchouhan599, 6 months ago

Section C (8 Marks Each)
11. "महाभारत , बंधुता और सामाजिक संबंधों के आधार पर एक कहानी है।" इस कथन की पुष्टि उदाहरणों सहित कीजिए।
"Mahabharat is a story based on kinship and social relations." Support the statement with
examples.
.​

Answers

Answered by shishir303
5

O  महाभारत , बंधुता और सामाजिक संबंधों के आधार पर एक कहानी है।" इस कथन की पुष्टि उदाहरणों सहित कीजिए।

► महाभारत बंधुता और सामाजिक संबंधों के आधार पर एक कहानी थी, यह कथन बिल्कुल उचित है, क्योंकि महाभारत में प्राचीन काल के सामाजिक संबंधों का गहराई से वर्णन प्राप्त होता है। महाभारत दो परिवारों के बीच के युद्ध का चित्रण है, जिसमें महाभारत के मुख्य पात्र सामाजिक मानदंडों का अनुसरण भी करते हैं और कभी-कभी उसकी अवहेलना भी करते हैं।

यह महाकाव्य बंधुता और सामाजिक संबंधों के आधार पर गठित किया गया महाकाव्य है। महाभारत में बंधुता की कहानी है, इसमें दो बांधव परिवार कौरव और पांडवों के बीच संघर्ष का चित्रण है। दोनों ही बांधव परिवार एक ही कुल कुरु वंश से संबंधित थे, लेकिन  दोनों के बीच बंधु होने के बावजूद संघर्ष आरंभ हो गया जो कि सत्ता और वर्चस्व को लेकर हुआ संघर्ष था। अंततः यह संघर्ष एक बड़े युद्ध में परिणत हुआ, जिसमें एक समूह पांडव की विजय हुई। इस तरह यह महाकाव्य आपसी बंधुता और फिर एक ही कुल के दो बंधु परिवारों के बीच आपसी संघर्ष की कहानी है।

इस महाकाव्य में सामाजिक संबंधों का ताना-बाना बेहतरीन ढंग से बुना गया है। सामाजिक जीवन के संदर्भ में अगर इस महाकाव्य का विवेचन किया जाए तो इस महाकाव्य में चार वर्णों का वर्णन मिलता है, लेकिन वर्ण व्यवस्था इतनी कठोर नहीं थी। स्त्रियों की दशा भी इस महाकाव्य में अच्छी दिखाई पड़ती है और स्वयंवर के अनुसार उन्हें अपना वर चुनने की आजादी थी। स्त्रियों को पूरा सम्मान और महत्व प्राप्त था। युद्ध का एक कारण द्रौपदी के रूप में स्त्री के सम्मान की रक्षा तथा उसके अपमान का बदला लेना भी था। हालांकि दौपदी के चीरहरण के रूप में कहीं-कही स्त्री के अपमान की घटना भी दिखायी दे जाती हैं। फिर स्त्रियों को पर्याप्त सम्मान और स्वतंत्रता प्राप्त थी। दौपदी, कुंती, गांधारी, माद्री, सत्यवती आदि इसके उदाहरण हैं।

इस महाकाव्य में वीरता और शौर्य का बढ़-चढ़कर दर्शन होता है। एक से एक महान योद्धा इस महाकाव्य के माध्यम से उभरकर आते हैं।

इस महाकाव्य में कुछ सामाजिक बुराइयों के भी दर्शन होते हैं, जैसे कि द्यूत क्रीड़ा (जुआ), बहुविवाह, छल-कपट, हिंसा, स्वार्थ, जिद आदि।

इस तरह हम पाते हैं, कि महाभारत बंंधुता और सामाजिक संबंधों के आधार पर एक कहानी है।

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