self written poem in hindi on topic father or dosti or mother
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Explanation:
मेरे प्यारे प्यारे पापा,
मेरे दिल में रहते पापा,
मेरी छोटी सी ख़ुशी के लिए
सब कुछ सेह जाते हैं पापा,
पूरी करते हर मेरी इच्छा ,
उनके जैसा नहीं कोई अच्छा,
मम्मी मेरी जब भी डांटे,
मुझे दुलारते मेरे पापा,
मेरे प्यारे प्यारे पापा !
2) मैं इंदिरा पापा नेहरू Kavita From Daughter
मैं पतंग, पापा है डोर
पढ़ा लिखा चढ़ाया आकाश की ओर,
खिली काली पकड़ आकाश की ओर,
जागो, सुनो, कन्या भ्रूण हत्यारों,
पापा सूरज की किरण का शोर,
मैं बनू इंदिरा सी, पापा मेरे नेहरू बने,
बेटियों के हत्यारों, अब तो पाप से तौबा करो,
पापा सच्चे, बेहद अच्छे, नेहरू इंदिरा से वतन भरे,
बेटियां आगे बेटो से, पापा आओ पाक एलान करो,
देवियों के देश भारत की जग में, ऊंची शान करें !
3) Heart Touching Sad Papa Poem
जाते जाते वो अपने जाने का गम दे गये…
सब बहारें ले गये रोने का मौसम दे गये…
ढूंढती है निंगाह पर अब वो कही नहीं…
अपने होने का वो मुझे कैसा भ्रम दे गये…
मुझे मेरे पापा की सूरत याद आती है…
वो तो ना रहे अपनी यादों का सितम दे गये…
एक अजीब सा सन्नाटा है आज कल मेरे घर में…
घर की दरो दिवार को उदासी पेहाम दे गये…
बदल गयी है अब तासीर, तासीरी जिन्दगी की…
तुम क्या गये आंखो में मन्जरे मातम दे गये…
4) पिता का स्नेह Hindi Poetry For Dad
प्यार का सागर ले आते
फिर चाहे कुछ न कह पाते
बिन बोले ही समझ जाते
दुःख के हर कोने में
खड़ा उनको पहले से पाया
छोटी सी उंगली पकड़कर
चलना उन्होंने सीखाया
जीवन के हर पहलु को
अपने अनुभव से बताया
हर उलझन को उन्होंने
अपना दुःख समझ सुलझाया
दूर रहकर भी हमेशा
प्यार उन्होंने हम पर बरसाया
एक छोटी सी आहट से
मेरा साया पहचाना,
मेरी हर सिसकियों में
अपनी आँखों को भिगोया
आशिर्वाद उनका हमेशा हमने पाया
हर ख़ुशी को मेरी पहले उन्होंने जाना
असमंजस के पलों में,
अपना विश्वाश दिलाया
उनके इस विश्वास को
अपना आत्म विश्वास बनाया
ऐसे पिता के प्यार से
बड़ा कोई प्यार न पाया
5
Answer:
I got an opportunity to share a poem with you all....
ऐ दोस्त,
कुछ सवाल है तुमसे,क्या उनके जवाब दे पाओगे।
आखिर ऐसा क्यों हैं कि जब तुम मेरे साथ होते हो,
दुनिया की मुझे परवाह नहीं रहती,
आखिर ऐसा क्यों है कि हर भीड़ में मेरी आँखें तुझे ही खोजती है,
और तेरे दिखने से मेरी सारी चिंताये दूर हो जाती है।
आखिर ऐसा क्यों है कि मुझे हर बात तुझको बताने का दिल करता है ,
और तुझसे बात करते हुए घंटों का पता ही नहीं चलता है।
आखिर ऐसा क्यों है कि तेरे बारे में कोई कुछ कहे तो खून खौल उठता है,
तेरे लिए इस दुनिया से भी लड़ जाने का दिल करता है।
आखिर ऐसा क्यों है कि मुझे जब भी कोई परेशानी होती है हमेशा तू ही याद आता है,
दिल और दिमाग दोनों तुझसे ही बात करने कि सलाह दिया करते हैं।
आखिर ऐसा क्यों है कि मुझे देखकर ही तू मेरी परेशानी समझ जाता है,
बिन कुछ कहे ही मुझे अपने सीने से लगा लेता है।
आखिर ऐसा क्यों है कि कपड़े पहनने की सलाह भी तुमसे लेती हूँ,
खुद से ज्यादा विश्वास तुमपर करतीं हूँ।
आखिर ऐसा क्यों है कि तुमसे मिलते ही मुझमे बचपना सा आ जाता है,
कुछ भी करने से पहले मुझे दो बार सोचना नहीं पड़ता है।
आखिर ऐसा क्यों है की तुझसे बिछड़ने का डर मुझे हर पल सताता है,
पर सिर्फ यही बात तुझे बताने से दिल कतराता है।
दुनिया कहती हैं की परिवार के सिवा कोई अपना नहीं होता,
पर फिर क्यो मुझे तुम अपने से लगते हो।
ऐ दोस्त
ज़रा कुछ सवाल है तुमसे,क्या उनके जवाब दे पाओगे।