Selfie ek manorog par nibandh
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Answer:
आजकाल सेल्फी निकाळणा मानो एक अडतसी हो गए हैं सबको.जहा देखो सब लोग हात मे मोबाईल अते ही पहले सेल्फी निकळणा शुरू करते हे. आजकाल के आधुनिक युग मे नये तरीके के खास सेल्फी निकलने के लिये कॅमेरे उपलब्ध हे.लोग जगाह ,परिस्तिथी ,किसी की भावना,समय ना देखे किसी भी वाजत काहापर भी सेल्फी खीच्वना शुरु हो जाते हैं.आजकाल नये app bhi aye huye hai . आजकाल लोंगो मे सेल्फी खीच्वने का एक रोग सा हो गया है.अलग अलग अंदाज मे सेल्फी खीच्वयी जाती है.1,2,3,4,करके बहओत जन एक साथ सेल्फी लेते राहते हैं . काफी सलोन के बाद अगर बुचडे huye दोस्त मिल गाये तो बते करणे की चोडकर वे सेलफी खीच्वते राहते हैं.लोग अपना नियंत्रण को बैठ्ये हैं au ek ke bad ek karate karte ek sath ek din me लगबग100 के ऊपर सेल्फी खीचवते राहते हे.लॉगिन को ये बदलणं चाहिए .
सेल्फी एक मनोरोग।
Explanation:
अपने द्वारा लिया गया पिक्चर को सेल्फी कहते हैं। सेल्फी आज के युग में आ रहे नए स्मार्ट फोनों के फ्रंट कैमरे से लिया जाता है इसमें व्यक्ति अपने आप यह अपना फोटो खींच सकता है। सल्फी हाथ को आगे कर के लिए जाता है। या फिर सेल्फी स्टिक से भी लिया जाता है।आजकल सेल्फी बहुत सुनने में आता है। यह एक मनोरोग बन गया है। आजकल सभी सेल्फी के दीवाने होते जा रहे हैं।
बच्चे, बुजुर्ग,युवा आजकल सभी को सेल्फी लेने का शौक चढ़ा हुआ है। लोग इस बात का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते कि ज्यादा सेल्फी लेने से उन्हें बीमारियां भी हो सकती है। सेल्फी लेने सेअनेकों बीमारियां भी हो सकती है। कई सेंटरस्टोन ने कहा है। कि ज्यादा सेल्फी लेने से हमें चेहरे पर फ़्लैश लगने के कारण चेहरे की बीमारी हो सकती है।
सेल्फी लेते वक्त इंसान इतना खो जाता है। कि उसे कोई चिंता ही नहीं रहती अपनी जान की जहां देखो वहां सेल्फी का मनोरोग फैला हुआ है। मनुष्य कहीं भी सेल्फी लेने लग जाता है। सड़क पर रेल, में बस ,में रिक्शे, में पहाड़ों आदि|
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