Political Science, asked by paulsuman10041991, 2 months ago

September
Octoam-2007
MONDAY
03
मीनानाखिल (पलप
99. more chapen and 2 conte​

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Answered by Rahamam1234
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Explanation:

एक स्पैलिंग का विवाद बना प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा

जयपुर | एकस्पैलिंग से उठा विवाद आज प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। मीना और मीणा शब्द को लेकर प्रदेश के दो समुदाय और राजनीतिक पार्टिंयां ही नहीं बल्कि राज्य सरकार के दो मंत्री भी आमने-सामने हैं। संगठन में भी इसको लेकर गतिरोध है। प्रदेश में आगामी दिनों में यह मामला संसद से लेकर सड़क तक गरमाने वाला है। मीणा समाज के नेताओं की मानें तो विधानसभा के आगामी सत्र में वे इस मामले को जोर-शोर से उठाएंगे वहीं 18 सितंबर और 2 अक्टूबर को इस मामले को लेकर सदन के बाहर जोर आजमाइश होने वाली है।

हंगामाक्यूं बरपा : कोर्टमें चल रही एक जनहित याचिका पर दो साल पहले केंद्र सरकार ने संविधान की 9वीं सूची का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि इस सूची में मीना शब्द है कि मीणा। साथ ही यह भी कहा गया कि इसमें संसद ही बदलाव कर सकती है राज्य सरकार नहीं। भील समुदाय के सुगन लाल की याचिका पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा तो सरकार ने दोनों को एक ही माना। समता आंदोलन के कैप्टन गुरुविंदर सिंह बनाम राजस्थान सरकार मामले में हाइकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा। गुरुविंदर सिंह ने अपनी दूसरी याचिका में यह हवाला दिया कि पहल मीणा स्पैलिंग से एसटी का प्रमाण-पत्र ले चुके लोग अब मीना स्पैलिंग का प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे हैं। हाइकोर्ट में विचाराधीन इस याचिका के मद्देनजर समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सदुर्शन सेठी ने सभी जिला कलेक्टरों को एक परिपत्र जारी कर मीणा स्पैलिंग के जाति प्रमाण पत्रों को मीना में बदलने पर रोक लगा दी। इसके बाद यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ने लगा।

ये है समाधान

>सरकार एसटी आयोग को मीणा शब्द को 9वीं सूची में जोड़ने के लिए सिफारिश भेजे। एसटी आयोग की सिफारिश पर संसद इस सूची में संशोधन कर सकती है। > मीणा नेताओं का कहना है कि मीणा और मीना शब्द को एक ही मानने के लिए प्रदेश में सरकार कोई स्पष्ट आदेश निकाले ताकि कोई विरोधाभाष नहीं हो।

राजनीतिकविवाद : जनजातिविकास मंत्री नंदलाल मीणा ने इस विवाद में विधायक डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और सामाजिक न्याय मंत्री अरुण चतुर्वेदी पर हमला साध चुके हैं। किरोड़ी लाल मीणा के बारे में उन्होंने कहा कि जो हेलीकॉप्टर में आते हैं और रैलियों में लड़कियां नचाते हैं, उन्हें आरक्षण की क्या जरूरत। उन्होंने सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी को भी नहीं बख्शा। कहा-चतुर्वेदी हमारे माई-बाप नहीं हैं जो हमारी जाति तय करेंगे। हालांकि, सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी मौखिक तौर पर मीणा और मीना को एक ही मानने की बात कह चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा इस मामले में सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाते हैं तो किरोड़ी लाल मीणा का तर्क है कि जिस तरह पानी और पाणी, बनिया और बणिया एक हैं उसी तरह मीना और मीणा भी एक हैं।

समाजके दो धड़े अलग-अलग दिखाएंगे ताकत : मीणाऔर मीना विवाद पर समाज के दो धड़े अलग-अलग ताकत दिखाएंगे। कांग्रेस समर्थक नेता 18 को विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे तो किरोड़ी लाल मीणा 2 अक्टूबर को आक्रोश रैली में अपनी ताकत दिखाएंगे। नमोनारायण गुट को पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, पूर्व मंत्री मुरारी लाल मीणा, पूर्व संसदीय सचिव रामकेश मीणा और विधायक घनश्याम मेहर का समर्थन प्राप्त है वहीं किरोड़ी लाल गुट में कई युवा नेता शामिल हैं।

अखिल भारतीय आदिवासी मीना संघ की बैठक हुई। इसमें अध्यक्ष श्योपाल सिंह मीना सहित अन्य लोगों ने मीना-मीणा विवाद पर अपने विचार रखे। सभी ने इस विवाद को दूर करने के लिए दो ही उपाय सुझाए। पहला-राज्य सरकार हाईकोर्ट में यह लिखकर दें कि मीना और मीणा एक ही है। यही राज्य सरकार मानती है। दोनों के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कत नहीं हो। दूसरा- दोनों एक ही है, लेकिन स्पेलिंग की गलती को ठीक करने के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे। ताकि इसे ठीक किया जा सके। उन्होंने सभी सांसदों और विधायकों से आव्हान किया कि वे सीएम से मिले और इसे ठीक कराए।

महारैलीको समर्थन : मीणा-मीनाविवाद पर आदिवासी प्रगतिशील संगठन की बैठक रविवार को आर.पी.मीना की अध्यक्षता में हुई। इसमें 18 सितंबर को विधानसभा का घेराव करने और 2 अक्टूबर को निकाली जाने वाली महारैली को समर्थन देने की घोषणा की गई

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