seva kare so meva paye pe ek hindi story (100 words)
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कहानी - सेवा करे सो मेवा पाए
रवि एक गरीब किसान का बेटा था । वह अपनी दादी का लाडला था। उम्र ज्यादा होने के बाद भी उसकी दादी रवि का बहुत ध्यान रखती थी । उसके बीमार होने पर एक बार वह उसकी देख भाल करती थी। रवि भी अपनी दादी से बहुत प्यार करता था ।
रवि बचपन से ही पढाई में होशियार था । उसके पिता के पास शहर भेजने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए रवि गांव के ही विद्यालय में ही पढ़ता था ।
आठवीं कक्षा के बाद रवि के सभी दोस्त पढ़ने के लिए शहर चले गए। परन्तु रवि के पिता जी उसकी शहर के विद्यालय की फीस नहीं भर सकते थे । जिसकी वजह से रवि को गांव में ही रहना पड़ा। उसने छात्रवृति पाने के लिए दिन रात मेहनत की और दसवीं कक्षा के परिणाम में पुरे विद्यालय में प्रथम आया। इसके लिए उसे छत्रवृत्ति प्राप्त हुई और अब वो शहर के विद्यालय में पढ़ सकता था। रवि बहुत खुश था । उसका परिवार भी इस बात से बहुत खुश था।
जिस दिन रवि को शहर जाना था उसी दिन उसकी दादी अचानक से बीमार हो गयी। रवि के माता पिता का सारा वक़्त खेत में काम करने में चला जाता था इसलिए वे उसकी दादी की देख भाल के लिए ज्यादा समय नहीं दे पा रहे थे । रवि धर्मसंकट में था । एक तरफ उसका शहर के विद्यालय में जाने का सपना और दूसरी तरफ उसकी दादी की तबियत। रवि ने अपनी दादी के पास गांव में ही रुकने का फैसला किया । और दिन रात अपनी दादी की सेवा की । साथ साथ वह गांव के विद्यालय से ही पढाई में भी सबसे आगे था। धीरे धीरे उसकी दादी ठीक होने लगी। वहीँ बाहरवीं कक्षा में रवि आस पास के सभी गावों में प्रथम आया और राज्य के मुख्यमंत्री जी ने उसे सम्मानित किया । और उसे आगे की पढाई के लिए खुद शहर भेजा।
रवि के पिता ने उसे समझाया की सेवा करने से सदा मेवा ही मिलता है । इसलिए हमे अपने बड़ो की निस्वार्थ भाव से सेवा करनी चाहिए ।
#SPJ1