शाब्दिक (लिखित) और गैरशाब्दिक (मौखिक) सम्प्रेषण में अंतर स्पष्ट कीजिए।
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इस क्षेत्र के विद्वान "शाब्दिक" शब्द के सख्त अर्थ का प्रयोग करते हैं, जिसका मतलब "शब्द से संबंधित या का" है तथा वे मौखिक या बोले गये संप्रेषण के पर्यायवाची के रूप में "मौखिक संप्रेषण" प्रयोग नहीं करते. अतएव, मौखिक ध्वनियाँ जो कि शब्द नहीं मानी जातीं, जैसे कि घुरघुराना या शब्द रहित गायन या गुनगुनाना आदि अशाब्दिक हैं। संकेत भाषा तथा लेखन को सामान्यतः शाब्दिक संप्रेषण का रूप माना जाता है क्योंकि दोनों में शब्दों का इस्तेमाल होता है - यद्यपि वाणी की तरह दोनों में पैराभाषीय तत्व हो सकते हैं एवं जो प्रायः अशाब्दिक संदेशों में दिखलायी देते हैं।
अशाब्दिक संप्रेषण को शारीरिक हाव-भाव एवं स्पर्श (हैपटिक संप्रेषण), शारीरिक भाषा एवं भावभंगिमा, चेहरे की अभिव्यक्ति या आँखों के संपर्क से भी संप्रेषित किया जा सकता है। एन वी सी (NVC) को वस्तु सामग्री संप्रेषण यथा - वस्त्र, बालों की स्टाइल या स्थापत्य, प्रतीकों व चित्रों के माध्यम से भी संप्रेषित किया जा सकता है। आवाज या वाणी में पैरालैग्वेज नामक अशाब्दिक तत्व सम्मिलित होते हैं जिनमें आवाज की गुणवत्ता, भावना, बोलने के तरीके के साथ-साथ ताल, लय, आलाप एवं तनाव जैसे छन्द शास्त्र संबंधी लक्षण भी सम्मिलित हैं। नृत्य को भी अशाब्दिक संप्रेषण माना जाता है। इसी तरह, लिखित पाठ में भी अशाब्दिक तत्व होते हैं जैसे - हस्तलेखन तरीका, शब्दों की स्थान संबंधी व्यवस्था या इमोटिकॉन (emoticons) का प्रयोग.
अशाब्दिक संप्रेषण को शारीरिक हाव-भाव एवं स्पर्श (हैपटिक संप्रेषण), शारीरिक भाषा एवं भावभंगिमा, चेहरे की अभिव्यक्ति या आँखों के संपर्क से भी संप्रेषित किया जा सकता है। एन वी सी (NVC) को वस्तु सामग्री संप्रेषण यथा - वस्त्र, बालों की स्टाइल या स्थापत्य, प्रतीकों व चित्रों के माध्यम से भी संप्रेषित किया जा सकता है। आवाज या वाणी में पैरालैग्वेज नामक अशाब्दिक तत्व सम्मिलित होते हैं जिनमें आवाज की गुणवत्ता, भावना, बोलने के तरीके के साथ-साथ ताल, लय, आलाप एवं तनाव जैसे छन्द शास्त्र संबंधी लक्षण भी सम्मिलित हैं। नृत्य को भी अशाब्दिक संप्रेषण माना जाता है। इसी तरह, लिखित पाठ में भी अशाब्दिक तत्व होते हैं जैसे - हस्तलेखन तरीका, शब्दों की स्थान संबंधी व्यवस्था या इमोटिकॉन (emoticons) का प्रयोग.
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