शंभू महाराज बिरजू महाराज कौन थे
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बिरजू महाराज ने अपने पिता अच्छन जी महाराज व चाचा शंभू महाराज से जुड़े कई किस्से साझा किए। दर्शकों को कथक के रोचक सफर के बारे में भी बताया। बिरजू महाराज ने बताया कि इलाहाबाद की हंडिया तहसील स्थित उनका गांव कथक के लिए प्रसिद्ध था। यहां सन् 1800 में कथक कलाकारों के 989 परिवार रहते थे।
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बिरजू महाराज - शास्त्रीय कथक नृत्य के लखनऊ कालिका-बिन्दादिन घराने के अग्रणी नर्तक हैं। पंडित जी कथक नर्तकों के महाराज परिवार के वंशज हैं जिसमें अन्य प्रमुख विभूतियों में इनके दो चाचा व ताऊ, शंभु महाराज एवं लच्छू महाराज; तथा इनके स्वयं के पिता एवं गुरु अच्छन महाराज भी आते हैं।
संभू महाराज। -- नाम पण्डित शंभू महाराज
अन्य नाम शंभूनाथ मिश्रा
जन्म 16 नवम्बर, 1907
जन्म भूमि लखनऊ, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 4 नवम्बर, 1970
अभिभावक पिता- कालिका प्रसाद
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र शास्त्रीय नृत्य व गायन
पुरस्कार-उपाधि 'संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप' (1967), 'पद्म श्री' (1956)
प्रसिद्धि कत्थक नर्तक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी शंभू महाराज नृत्य को लय से अधिक भाव-प्रधान के महत्त्व को स्वीकार करते थे। उनकी मान्यता थी कि- "भाव-विहीन लय-ताल प्रधान नृत्य मात्र एक चमत्कारपूर्ण तमाशा हो सकता है, नृत्य नहीं हो सकता।"
अद्यतन 01:18, 19 अक्टूबर-2016 (IST)