शुभ रात्रि ,
विषय - जो तोकू काँटा बुवै ताहि बोय तू फूल
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★ कबीर दास जी स्वयं से कहते हैं कि तू सोने में समय को क्यों व्यर्थ गंवा रहा है।
★ उठ और भगवान मुरारी के नाम का स्मरण कर तथा जीवन को सफल कर एक दिन इस नश्वर शरीर का त्याग करके पैर फैलाकर सोना ही है अर्थात् मृत्यु निश्चित है।
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Answer:
˙❥ जो तुम्हारे लिए कांटा बोता है, उसके लिए तुम फूल बोओ अर्थात् जो तुम्हारी बुराई करता है तू उसकी भलाई कर। तुम्हें फूल बोने के कारण फूल मिलेंगे और जो कांटे बोता है उसे कांटे मिलेंगे तात्पर्य यह कि नेकी के बदले नेकी और बदी के बदले बदी ही मिलता है। यही प्रकृति का नियम है
˙
Keep Smiling...( ◜‿◝ )♡
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