शुचि सुधा सींचता रात में, तुझ पर चंद्र प्रकाश है।
हे मातृभूमि! दिन में तरणि, करता तम का नाश है।। write meaning.
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iyztuzotustusutTisyyduts
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उपर्युक्त पंक्तियाँ मातृभूमि कविता मैथिलि शरण गुप्त द्वारा लिखित है।
- कवी कहती है की चन्द्रमा का प्रकाश हमारी मातृभूमि पर अमृत की वर्षा करता है। रात में भूमि पर अपने अमृत को सींचता है। रात के समय चन्द्रमा मातृभूमि पर रौशनी देता है और दिन के समय सूर्य।
- सूर्य दिन के समय ऐसे चमकता है मानो की अंधकार का नाश कर दे रहा हो। दोनों के ही इस प्रकाश से कभी भी मातृभूमि में किसी तरह का अंधकार नहीं होता। सूर्य और चन्द्रमा के वजह से हमारे मातृभूमि का सारा अंधकार मिट जाता है।
- हे मातृभूमि! ये सूर्य और चन्द्रमा की वजह ही होता है की धरती पर अंधकार नहीं होता।
#SPJ2
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