शागिर्द के प्रश्नों के आधार पर उल्लेख कीजिए की हमारे समाज में आज़ादी को प्रायः किस रूप में देखा जाता है?
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आजादी के 69 साल बाद भी हमारे देश का नागरिक आजाद नहीं है। देश आजाद हो गया, लेकिन देशवासी अभी भी बेड़ियों के बन्धन में बन्धे हैं। ये बेड़ियां हैं अज्ञानता की, जातिवाद की, धर्म की,आरक्षण की, गरीबी की, सहनशीलता की,मिथ्या अवधारणाओं की आदि आदि।
किसी भी देश की आजादी तब तक अधूरी होती है, जब तक वहां के नागरिक आजाद न हों। आज क्यों इतने सालों बाद भी हम गरीबी में कैद हैं, क्यों जातिवाद की बेड़ियां हमें आगे बढ़ने से रोक रही हैं?, क्यों आरक्षण का जहर हमारी जड़ों को खोखला कर रहा है? क्यों धर्म जो आपस में प्रेम व भाईचारे का संदेश देता है वही, आज हमारे देश में वैमनस्य बढ़ाने का कार्य कर रहा है, क्यों हम इतने सहनशील हो गये हैं कि कायरता की सीमा कब लांघ जाते हैं, इसका एहसास भी नहीं कर पाते?
किसी भी देश की आजादी तब तक अधूरी होती है, जब तक वहां के नागरिक आजाद न हों। आज क्यों इतने सालों बाद भी हम गरीबी में कैद हैं, क्यों जातिवाद की बेड़ियां हमें आगे बढ़ने से रोक रही हैं?, क्यों आरक्षण का जहर हमारी जड़ों को खोखला कर रहा है? क्यों धर्म जो आपस में प्रेम व भाईचारे का संदेश देता है वही, आज हमारे देश में वैमनस्य बढ़ाने का कार्य कर रहा है, क्यों हम इतने सहनशील हो गये हैं कि कायरता की सीमा कब लांघ जाते हैं, इसका एहसास भी नहीं कर पाते?
sakshichetri:
thankyou
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