शोक की घडी में धनी व्यक्त के साथ समाज भी उसके शोक में द्रवित होता है,जबकि निर्धन व्यक्ति पर कटाक्ष किए जाते हैं, ऐसा क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
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शोक की घडी में धनी व्यक्त के साथ समाज भी उसके शोक में द्रवित होता है,जबकि निर्धन व्यक्ति पर कटाक्ष किए जाते हैं, ऐसा क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
शोक की घड़ी में धनी व्यक्त के साथ समाज भी उसके शोक में द्रवित होता है , जब निर्धन व्यक्ति शोक की घड़ी आती है , तब उसका कोई साथ नहीं देता है | उसके साथ सब बुरा व्यावहार करते है | धनी लोग उनके साथ भेद-भाव करते है | उन्हें छोटा समझा जाता है , उनके दुःख में कोई शामिल नहीं होता | उनका मजाक उड़ाया जाता है , क्योंकि वह गरीब होते है | गरीबी के कारण उनके साथ नहीं दिया जाता है |
निर्धन व्यक्ति को समाज में ऐसे दुखों का सामना करना पड़ता है | उनके दुःख को कोई नहीं समझता है | दुःख से बाहर आने के लिए यदि वह अपने काम पर जाते है , तब भी उन्हें तरह-तरह की बाते सुनाई जाती है |
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