Hindi, asked by zayx7571, 10 months ago

शौक के वातावरण में हनुमान के अवतरण का क्या प्रभाव पड़ा था​

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Answered by shailajavyas
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Answer:

                     लक्ष्मण जी के मूर्छित होने पर श्री रामजी अत्यंत दुखी हो जाते हैं । दुख और वेदना के कारण वे शोक संतप्त होकर प्रलाप करने लगते हैं जिसे सुनकर समस्त वानर समुदाय शोक में डूब जाता है । इसी समय हनुमान जी का जीवनदायिनी संजीवनी बूटी लिए हुए अवतरण होता है । उनके इस तरह अचानक से प्रकट होने पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे करुण रस में अचानक वीर रस प्रकट हो गया हो । (यहाँ तुलसीदासजी ने उत्प्रेक्षा का सुन्दर प्रयोग किया हैं | )  

                   श्रीराम ने प्रसन्न होकर हनुमान से भेंट की तथा उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर हनुमान का बहुत उपकार माना । सुषेण वैद्य ने तुरंत ही लक्ष्मण जी का उपचार किया परिणाम स्वरूप उन्हें होश आ गया | लक्ष्मण प्रसन्नता पूर्वक उठ बैठे थे ।    

                 अंततः राम अपने भाई लक्ष्मण की चेतना वापस लौटते ही उन्हें गले से लगा लेते हैं | यह मिलन देखकर वहां उपस्थित सभी वानर तथा भालू समुदाय आदि प्रसन्न हो उठते हैं ।

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