Hindi, asked by bansalchirag2978, 9 months ago

शिक्षा के बिना मनुष्य अधूरा है

Answers

Answered by aayushipalpal
1

Answer:

ha study ke bina jivan adhura hai

Answered by Anonymous
4

Answer:

यह रहा तुम्हारा उत्तर दोस्त

Explanation:

शिक्षा के बिना मनुष्य वैसे ही अधूरा है, जैसे जल बिन मछली की स्थिति होती है। ऐसे में हर व्यक्ति को शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़कर समाज को एक नयी दिशा देनी चाहिए। उक्त बातें रेलवे प्रवेशिका स्कूल में शनिवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में विधान पार्षद सह बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार पाण्डेय ने कहीं। श्री पाण्डेय स्कूल से उत्प्रेषित दशम वर्ग के छात्र छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। समारोह का उदघाटन विधान पार्षद समेत अश्वमेघ पीठाधीश्वर उपेन्द्र पराशर, शिक्षक संघ के जिला सचिव भोट चतुर्वेदी, अवधेश तिवारी, प्रो फैज अहमद समेत अन्य ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य मो. सनाउल्लाह ने की। संचालन दीपक राही ने किया। समारोह में वर्ग दशम के उत्प्रेषित छात्राओं ने अतिथियों को पौधा भेंटकर स्वागत किया। वहीं छात्रों ने सभी अतिथियों को महात्मागांधी का तैल्य चित्र देकर स्वागत किया। समारोह में विधान पार्षद श्री पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान परिवेश में शिक्षा की दिशा काफी बदल गयी है। शहर से लेकर ग्रामीण बच्चों में पढ़ने की ललक जगी है। ऐसे में स्कूल परिवार ने उनके सम्मान में समारोह आयोजित कर बच्चों को एक नयी दिशा देने का काम किया है। अश्वमेघ पीठाधीश्वर श्री पराशर ने कहा कि‘विद्या ददाति विनयम,विद्या ददाति...अर्थात विद्या के बिना सबकुछ अधूरा है, विद्या नहीं तो मनुष्य पशु समान है। इस अवसर पर हंकारमणि तिवारी, राजद जिलाध्यक्ष इफ्तेखार अहमद उर्फ मुन्ना त्यागी, शिक्षक श्रीनाथ तिवारी, छोटेलाल प्रसाद, मधुसूदन चतुर्वेदी, अवधकिशोर सिन्हा, रामेश्वर सिंह, सुरेश पाण्डेय, सूरज राम, मो. युनूष, अरुण कुमार सिन्हा, शेख निजामुद्दीन, धरनीकांत मिश्रा, विरेन्द्र सिंह समेत अन्य शिक्षकों व समाजसेवियों ने अपने विचार रखे।

स्कूल में रंगमंच का निर्माण करायेंगे विधान पार्षद : विधान पार्षद केदार पाण्डेय ने कहा कि स्कूली बच्चों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। रेलवे स्कूल प्रबंधन ने दीक्षांत समारोह जैसे कार्यक्रम कर एक मिशाल पेश की है। उन्होंने स्कूल में रंगमंच के निर्माण कराने की घोषणा की।

करते हुए कहा कि इस रंगमंच से बच्चे समाज को शिक्षा का संदेश देंगे। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान भी बच्चों की प्रस्तुति को जमकर सराहा। शिक्षकों के वेतनमान की समस्या पर विधान पार्षद ने कहा कि दीक्षांत समारोह जैसे कार्यक्रम अगर सभी स्कूलों में आयोजित होने लगे तो सरकार से समाज के लोग ही वेतनमान दिला देंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से शिक्षा को एक नयी दिशा मिलेगी।

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