Hindi, asked by CoruscatingGarçon, 10 months ago

शिक्षा के बदलते मापदंड का वर्णन करें, विषय: गुरुकुल से कोचिंग तक

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Answered by bhatiamona
5

Answer:

                                              गुरुकुल से कोचिंग तक

देखा जाए तो आज के समय में शिक्षा शिक्षा नहीं रही है | यह एक दिखावा और व्यापार और एक रेस की तरह बन गया है | पहले की शिक्षा में अब की शिक्षा में बहुत अंतर गया है | यह बात बहुत गलत है , जो की आज क समय में कोचिंग फैशन बन गया है | बिना कोचिंग के तो बच्चे पढ़ना ही नहीं चाहते |  पहले सब तरस जाते थे स्कूल जाने के लिए और इतनी सारी संख्या में स्कूल है | पहले शिक्षा से हम शिष्टाचार भी सीखते थे , और बहुत सारी बाते सिखाई जाती थी जब गुरकुल होते थे और आज के समय में तो आगे बढ़ने सिखाया जाता है| आज के बच्चे तो शिक्षक की इज्ज़त नहीं करते |

कोचिंग और ट्यूशन यह सब आम हो गया है | स्कूल तो बस नाम के लिए जाते है |  

आज शिक्षा के नाम में लोग और व्यापार पर राजनीतिक जैसे खेल खेलते है|

स्कूल और कॉलेज दाखिला लेने के लिए बड़े लोग राजनीतिक का सहारा लेते हो और आम लोग पीछे रह जाते है | पेपरों में भी पैसे या रिश्वत दे कर आसानी से अपना काम करवा लेते है | अध्यापकों द्वारा बच्चों को ट्यूशन देना एक व्यापार जैसा हो गया है | सही शिक्षा और सच्चाई अब रह नहीं गई है , सब राजनीति में बदलता जा रहा है |  पैसे के दम पर सब खेल खेले जाते है| राजनीति के कारण शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आ गई है सब खेल लगता है |  

बच्चों के मन में यही चलता रहता है मेरे सबसे ज्यादा अंक और किसी के नहीं| बच्चों से लेकर उनके माता-पिता के मन में दूसरों के प्रति जलन भावना है हमारा बच्चा पीछे ना रह जाए |  “अंकों की दौड़ में बच्चा अच्छे से पढ़ता नहीं ना उसको  समझ आती है बस कैसे भी करके रटा लगा कर अंक सबसे ज्यादा आने चहिए | आज के समय सब कुछ बदल गया है|

Answered by sk181231
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प्राचीन काल से हमारे देश में शिक्षा को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. हमारे भारत में गुरुकुल परम्परा सबसे पुरानी व्यवस्था है. गुरुकुलम वैदिक युग से ही अस्तित्व में है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि गुरुकुल परम्परा क्या है, किस प्रकार से पहले शिक्षा दी जाती थी और आज के युग की आधुनिक शिक्षा गुरुकुल पद्धति से कैसे भिन्न है.

देश का विकास और उन्नति तब ही हो सकती है जब शिक्षा व्यवस्था सही हो. जीवन में सफल होने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण साधन है. जीवन की कठिन चुनौतियों को इसके जरिये कम किया जा सकता है. शिक्षा अवधि में प्राप्त ज्ञान प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के बारे में आश्वस्त करता है.

प्राचीन काल से हमारे देश में शिक्षा को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. हमारे भारत में गुरुकुल परम्परा सबसे पुरानी व्यवस्था है. गुरुकुलम वैदिक युग से ही अस्तित्व में है. प्राचीन काल में गुरुकुल शिक्षा पद्दति से ही शिक्षा दी जाती थी. भारत को विश्व गुरु इस पद्धति के कारण ही तो कहा जाता था.

अब इस परम्परा का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि गुरुकुल परम्परा क्या है, किस प्रकार से पहले शिक्षा दी जाती थी और आज के युग की आधुनिक शिक्षा गुरुकुल पद्धति से कैसे भिन्न है.

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