शिक्षा का महत्व पर निबंध
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बेहतर शिक्षा सभी के लिए जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है। यह हममें आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायता करती है। स्कूली शिक्षा सभी के जीवन में महान भूमिका निभाती है। पूरे शिक्षा तंत्र को प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा जैसे को तीन भागों में बाँटा गया है। शिक्षा के सभी स्तर अपना एक विशेष महत्व और स्थान रखते हैं। हम सभी अपने बच्चों को सफलता की ओर जाते हुए देखना चाहते हैं, जो केवल अच्छी और उचित शिक्षा के माध्यम से ही संभव है।
निबंध लेखन -
☆ संकेत बिंदु ---
✧शिक्षा जीवन में एक प्रकाश है
✧शिक्षा का छेत्र विस्तृत
✧ज्ञान, आत्मविश्वास और धैर्य का जनक
✧विद्या सर्वश्रेष्ठ धन
✧विद्या लोकतंत्र का आधार
' तमसो मा ज्योतर्गमय' अर्थात अंधकार से मुझे प्रकाश की ओर ले जाओ - ये प्रार्थना भारतीय संस्कृति का मूल आधार है। प्रकाश में व्यक्ति को सब कुछ दिखाई देता है, अंधकार में नहीं। प्रकाश का अर्थ यह पर ज्ञान का प्रकाश है। ज्ञान प्राप्त होने पर व्यक्ति के मन का अज्ञानता रूपी अंधकार दूर हो जाता है। उसका वर्तमान और भविष्य उज्ज्वल है जाता है। ज्ञान से उसकी सोई हुई इन्द्रियां जग जाती है। उसके कार्य करने की छमता में वृद्धि होती है और वह प्रगति के पथ पर लगातार आगे बढ़ता चला जाता है।
शिक्षा का क्षेत्र सीमित न होकर विस्तृत है। व्यक्ति जीवन से लेकर मृत्यु तक शिक्षा का पथ पढ़ता है। प्राचीन काल में शिक्षा के लिए गुरुकुल जाना पड़ता था। छात्र पूर्ण शिक्षा ग्रहण कर के ही घर वापस लौटता था। लेकिन आज आज जगह - जगह सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में शिक्षा डी जाती है। यह शिक्षा प्रत्येक विद्यार्थी के लिए जीविकोपार्जन का साधन है नहीं होता बल्कि सम्मान का प्रतीक भी होता है।
ज्ञान प्राप्त करने का अर्थ मात्र किताबी ज्ञान नहीं होता बल्कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास और धैर्य को हासिल करना होता है। ज्ञान प्राप्त करना मात्र शब्दों के शाब्दिक अर्थ को ही जानना नहीं होता है बल्कि उसे आत्मसात करना भी होता है। यदि पढ़े हुए विषय का अर्थ न जाना तो यह गधे की पीठ पर रखे हुए चंदन के भर के समान परिश्रम कारक या निरर्थक होता है। अर्थात जैसे चंदन की लकड़ी को ढोने वाला गधा केवल उसके भार का ही ज्ञान रखता है, किन्तु चंदन की उपयोगिता को नहीं जान सकता है। उसी प्रकार जो विद्वान अनेक ग्रंथों या शास्त्रों का अध्ययन बिना अर्थ करते है, वे भी उन गधों की भांति होते है जो ग्रंथ भार उठाते हैं लेकिन अर्थ से अनभिज्ञ होते हैं।
विद्या एक सर्वश्रेष्ठ धन है न तो इसे चोर चुरा सकता है और न ही खराब हो सकता है। यह एक ऐसा धन है जो सदैव बाटने से बढ़ता है। विद्या सबसे अच्छा मित्र है। चाहे हम देश में हों या विदेश में, हम विद्या के साथ अपना जीवन बिता सकते हैं। विद्या से विनय, विनय से योग्यता, योग्यता से धन और धर्म, धर्म से सब कुछ प्राप्त होता है।
विद्या और सुख एक साथ प्राप्त नहीं हो सकते। सुख सुख चाहने वाले को विद्या और विद्या चाहने वाले को सुख त्याग देना चाहिए। जिसके पास विद्या नहीं है वह व्यक्ति पशु के समान होता है। शिक्षा व्यक्ति को ज्ञान के प्रकाश से आत्मविश्वास की प्रेरणा देती है। उन्नति का प्रथम सोपान शिक्षा है। उसके लोकतंत्र और भारतीय संस्कृति की रक्षा नहीं कर सकते।