शिक्षा का उद्देश्य नौकरी प्राप्त करने नहीं व्यवहार में परिवर्तन लाना होता है कथन के आलोक में अपने विचार प्रस्तुत कीजिये
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शिक्षा किसी के भी जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग होता है और शिक्षा के बिना कोई भी मनुष्य सम्पूर्ण नहीं माना जाता। शिक्षा किसी भी मनुष्य के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी के कारण कोई भी मनुष्य सभ्य बन पाता है। शिक्षा ना केवल किसी मनुष्य को आत्मनिर्भर बनाती है बल्कि शिक्षा से मनुष्य के व्यावहारिक जीवन में भी परिवर्तन होता है।
शिक्षा का अर्थ केवल किताबी ज्ञान प्राप्त करना नहीं होता बल्कि शिक्षा के माध्यम से मनुष्य एक सभ्य जीव बनता है, जिसे जीवन के हर पहलू को जीने का सलीका होता है। शिक्षा के माध्यम से नैतिक शिक्षा भी सिखाई जाती है,जो की मनुष्य को व्यावहारिक तौर पर बदल कर रख देती है। नैतिक शिक्षा किसी भी मनुष्य के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती है।
Explanation:
वैदिक समाज में शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य के जीवन शैली में आमूलचूल परिवर्तन लाना था, परंतु वर्तमान समय में शिक्षा का उद्देश्य मात्र धन अर्जन करने तक सीमित रह गया है L इसके पीछे मनुष्य के दिन प्रतिदिन संसाधनों का अभाव एवं जीवन शैली को उच्च बनाने की होड़ है इसकी वजह से मनुष्य अच्छी शिक्षा प्राप्त करके अपने लक्ष्यों को अर्जित करते हुए धन की प्राप्ति के लिए प्रयत्न करता है I वास्तविकता में शिक्षा का उद्देश्य अपनी जीवन शैली एवं विचारों में परिवर्तन लाना होता है I
वर्तमान समय में हमारा समाज अच्छी आर्थिक स्थिति को ज्यादा महत्व देता है जबकि उसे हमारे अच्छे विचारों को अधिक महत्व देना चाहिए यह भी एक अति महत्वपूर्ण कारण है जिससे व्यक्ति अच्छी शिक्षा को अपने धन अर्जन करने का एक मात्र उद्देश्य बना लेता है I