शिक्षा मानव जीवन के विकास का प्रमुख आधार है। शिक्षाविहीन व्यक्ति पशु के समान जीवनयापन करता है। व्यक्ति
में अच्छे संस्कार शिक्षा के माध्यम से ही आते हैं। शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक ज्ञान
प्राप्त कर स्वयं तो अपना मार्ग बनाता ही है, साथ ही दूसरों का भी मार्गदर्शन करता है। शिक्षा प्राप्त करना प्रत्येक व्यक्ति का
जन्मसिद्ध अधिकार है। नवीन पीढ़ी अथवा बालक एवं नवयुवक तो शिक्षा प्राप्त कर आगे बढ़ते रहे हैं। आवश्यकता है, प्रौढों
को शिक्षा प्रदान करने की, अथवा 14 वर्ष की आयु से अधिक वाले वे सभी व्यक्ति जो अशिक्षित हैं। अथवा हम कह सकते हैं
कि वे सभी व्यक्ति समय से शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके और न कर पा रहे हैं। शिक्षा के इतने प्रचार व प्रसार हो जाने पर भी
व्यक्ति अपने धन का सही उपयोग नहीं कर पाता और न ही भोला-भाला किसान अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर पाता
है। आज भी वह साहूकार अथवा ब्याज किश्तों के द्वारा आसानी से ठग लिया जाता है। स्वतंत्रता से पूर्व व्यक्ति की स्थिति
शिक्षा के क्षेत्र में बहुत खराब थी।
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this is very❤ important, sahi bat hai shikha hi hume sakhashar banati hai or apana jivan paripurna banta hai
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मानव जीवन का प्रमुख आधार क्या है
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