शिक्षा मनष् ु य को मनष् ु य बनाती है। शिक्षा के बबना मनष् ु य पि ु के समान होता है। शिक्षक्षत मनष् ु य ही राष्र की प्रगतत में सक्रिय योगदान कर सकते हैं। वसै े तो मनष् ु य की प्रथम पाठिाला उसका पररवार होता हैऔर उसकी प्रथम ग ु रु उसकी मााँहोती है, जो नवजात शिि ु में संस्कारों को शसचंित करती है। जब तक बच्िा ववद्यालय जाने के योग्य नहीं हो जाता, पररवार में मााँके अततररक्त अन्य सदस्य भी एक ग ु रु की भााँतत उसे शिक्षक्षत करते रहते हैं। पररवार के बाद शिक्षा प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्थान ववद्यालय होता है। यहााँ आकर उसका सवागां ीण ववकास होता है। ववद्यालय में पस्ुतकीय ज्ञान के अलावा उसे नत्ृ य- संगीत एवं खेल-क ूद आदद का भी प्रशिक्षण ददया जाता है। छात्रों द्वारा अपनी-अपनी रुचि के अनसार ु खेलों का ियन क्रकया जाता है। िन ु ी हुई गततववचियों में दक्षता प्राप्त करने के शलए वे ददन- रात अथक पररश्रम करते हैं। ववद्यालय के प्रशिक्षक भी उनमें जान डालने का कायय करते हैं, तभी ऐसे ववद्याथी देि का नाम ववश्व में स्वणायक्षरों में शलखवा देते हैं। क) शिक्षा मनष् ु य को ----------- बनाती है। ख) शिक्षा के बबना मनष् ु य पि ु के ---------- होता है। ग) वसै े तो मनष् ु य की प्रथम ----------- उसका पररवार होता है। घ) पररवार के बाद ---------- प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्थान ववद्यालय होता है। ङ) यहााँ आकर उसका सवाांगीण ---------- होता है। II. वचन बदलिए- 5 1. कपडा - 2. गिा - 3. ततनका - 4. दाना - 5. डाल - III. लिांग बदलिए - 5 1. माता - 2. पोता - 3. लडकी - 4. ताई - 5. दादी
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1) opt B
2)opt B
3)opt C
4)opt D
5)opt B
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i also have doubt in this para but this question
प्रश्न 1- अगर जीवन में शिक्षा न शमले तो हमारा जीवन ककस प्रकार होगा I शलखखए –
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please anyone help us
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