शिक्षा समाज के विकास प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग है। अपने विचार स्पष्ट कीजिए। please answer this question I'll mark brainliest answer... please help
Answers
shiksha samaj ka abhinn ang hai kyonki shiksha hone par smaj dheere dheere sudhar hua aur estriyo ko sman mila estriya bhi aage badhane lagi
Explanation:
q
✯ उत्तर ✯
शिक्षा के द्वारा मनुष्य के ज्ञान में वृद्धि की जाती है और उसके आचरण को निश्चित दिशा दी जाती है । शिक्षा के द्वारा ही उसमें सत्य असत्य में भेद करने की शक्ति का विकास होता है । शिक्षा मनुष्य के अंदर अच्छे विचारों को भरती है और अंदर में प्रविष्ठ बुरे विचारों को निकाल बाहर करती है। शिक्षा मनुष्य के जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। यह मनुष्य को समाज में प्रतिष्ठित करने का कार्य करती है। इससे मनुष्य के अंदर मनुष्यता आती है। इसके माध्यम से मानव समुदाय में अच्छे संस्कार डालने में पर्याप्त मदद मिलती है। शिक्षा के द्वारा ही समाज में राजनीतिक जागरूकता आती है और व्यक्ति अपने अधिकार एवं कर्तव्य से परिचित होते हैं। शिक्षा के सामाजिक उद्देश्य का जन्म शिक्षा के व्यैक्तिक उद्देश्य की प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप हुआ है। इस उद्देश्य के समर्थक व्यक्ति की अपेक्षा समाज को ऊँचा मानते हैं। उनका अटल विश्वास है कि व्यक्ति स्वाभाव से सामाजिक प्राणी है। यदि उसे समाज से प्रथक कर दिया जाये। उसका जीवन रहना कठिन हो जायेगा। प्रत्येक बालक समाज में ही जन्म लेता है तथा समाज में ही उसका पालन-पोषण होता है। समाज में ही रहते हुए वह बोलना-चलना, पढना-लिखना तथा दुसरे व्यक्तियों से व्यवहार करना सीखता है। समाज में ही रहते हुए उसकी विभिन्न आवश्यकतायें पूरी होती हैं तथा विभिन्न विचारों के आदान-प्रदान द्वारा उसके व्यक्तित्व का विकास होता है समाज की उन्नति से वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उन्नति करता है तथा समाज की हानि से उसे भी क्षति पहुँचती है। इस प्रकार अपने सम्पूर्ण विकास के लिए वह समाज का ऋणी है।