शिक्षा विविध जानकारियों का देर नहीं है, जो तुम्हारे मस्तिष्या में द्वन्म दिया गया है और जो आत्मसात बिना वहाँ आजन्म पड़ा राहाकार गड़बड़ मचाया करता है। हमें उन विचारों की अनुभूति कर लेने की आवश्यकता है, जो जीवन निर्माण, मनुष्य निर्माण तथा चरित्र निर्माण में सहायक हो। यदि आप केवल पाँच ही परखे हुए विचार आत्मसात कर उनके अनुसार अपने जीवन और चरित्र का निर्माण कर लेते हैं, तो आप पूरे ग्राथालय को कंठस्थ करने वाले की अपेक्षा अधिक शिक्षित हैं।
Explain this in hindi and kannada
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hindi may isko alo lay lo piyaz lay lo tamatar lay lo kahtay or kannada may mujhay pata
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