शिक्षक छात्रों को वास्तविक चिंता और रूचि का सम्प्रेषण कैसे कर सकते हैं
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उनके कार्यों पर सवाल नहीं उठाकर
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शिक्षक छात्रों से वास्तविक चिंता और रुचि का सम्प्रेषण आंख से संपर्क करके कर सकते है।
- किसी अन्य की तरह सोचना तथा महसूस करना तदानुभूती कहलाता है।
- दूसरो की भावना तथा विषयो को जानकर एक शिक्षक संवेदनशीलता के गुणों को चित्रित दर्शा सकता है।
- विद्यार्थियों को कक्षा में सकारात्मक वातावरण का अनुभव हो इसके लिए आवश्यक है कि शिक्षकों को प्रयत्न शील रहना चाहिए।
- छात्रों को कभी कभी डांटना पड़ता है , यह उनके भले के लिए है परन्तु अधिक डराना धमकाना ठीक नहीं है। शिक्षक व छात्र के बीच परस्पर मित्रो जैसा संबंध होना चाहिए जिससे विद्यार्थी बेझिझक शिक्षक से अपने मन की बात भी कह सकते है तथा अपनी कठिनाइयों से भी शिक्षक को अवगत करा सकते है।
- शिक्षकों को चाहिए वे छात्रों को स्वावलंबी व आत्म निर्भर होना सिखाए।
#SPJ3
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