शिक्षक दिन के अवसर पर संवाद लेखन
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सबसे पहले मैं अपने साथी शिक्षकों और प्रधानाचार्य महोदय का धन्यवाद व्यक्त करना चाहता हुँ। आज 5 सितम्बर है और इस दिन का मेरे ह्रदय में विशेष स्थान है। आज से 20 वर्ष पहले 1 सितम्बर के दिन मैने इस विद्यालय में पढ़ाना शुरु किया था और उसके 4 दिन बाद शिक्षक दिवस का अवसर था, जिसपे मुझे भाषण देने के लिए बुलाया गया था।
आज 20 वर्ष बाद भी मैं फिर से उसी स्थान पर हुँ और विद्यालय भी वैसा ही है, शिक्षक और कर्मचारी भी लगभग वैसे ही है बस विद्यार्थियों के चेहरे हर साल बदल जाते है। वैसे तो जब विद्यार्थी यहां से उर्तीण होकर निकलते है तो हमें खुशी और गर्व महसूस होता है हालांकि इसके साथ ही उनसे बिछड़ने का गम भी होता है।
वैसे तो मैं आज भावुक नही होना चाहता क्योंकि आज खुशी और उत्सव का अवसर है। सबसे पहले तो मैं इस शानदार कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए अपने सभी विद्यार्थियों को धन्यवाद देना चाहूँगा। मुझे विश्वाश है कि शिक्षक दिवस के बारे में और यह 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में आप सब को पता ही होगा। फिर भी आपकी जानकारी के लिए आपको बता दुं की इस दिन सन् 1888 को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन का जन्म हुआ था, जोकि एक महान दार्शनिक और विद्वान थे, जो आगे चलकर एक बहुत ही प्रसिद्ध शिक्षक बने तथा आजादी के बाद वह भारत के उप-राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भी बने।
वैसे तो हर वर्ष यह दिन शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है, पर इस वर्ष आज का यह दिन अपने प्रिय विद्यार्थियों को समर्पित करना चाहूँगा। मुझे अपने माता-पिता के तरह इतना प्यार और सम्मान देने के लिए मैं इस मंच से अपने सभी विद्यार्थियों को धन्यवाद देना चाहूँगा। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूँ जो मेरा मेरे छात्रो के साथ इस तरह का संबंध है। हाँ मैं यह बात जरुर स्वीकार करुंगा कि कई बार मैं नाराज हो जाता हुँ और आप सभी के साथ कड़ाई से पेश आता हुँ पर यह इसलिए करता हूँ कि आप अपने मार्ग से ना भटके और अपने पढ़ाई पर ध्यान दें। विद्यालय आपके सफलता के प्रथम सीढ़ी की आधारशिला है, इसलिए मैं चाहता हुँ कि आप सब अपने जीवन में तरक्की प्राप्त करें।
इस वर्ष हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों ने पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लिया और तीन स्वर्ण पदक तथा दो रजत पदक प्राप्त किये। यह हम सबके लिए एक बहुत ही गौरवनित करने वाला अवसर था मैं अपने उन सभी विद्यार्थियों का शुक्रिया अदा करना चाहूँगा जिन्होंने अपने पढ़ाई के साथ ही समय बचाकर प्रतियोगिता के लिए भी अभ्यास किया।
आज के दिन मैं सभी छात्रों से कहना चाहता हूँ कि आप सभी खेल-कूद जैसी अन्य गतिविधियों में जरुर हिस्सा ले। पढ़ाई आपकी प्राथमिकता होनी चाहिये पर आपको अपने जीवन का आनंद लेना भी नही भूलना चाहिये। आपको अपने पसंद के एक कार्य में अवश्य हिस्सा लेना चाहिए, चाहे वह खेल हो या पहेली, कला, संगीत, नाटक, चित्रकारी आदि में से ही एक क्यो ना हो आप हमेशा अपने रुचियों में हिस्सा लेने की कोशिश किजिये क्योंकि यह आपको एक बेहतर इंसान बनने में और जीवन में तरक्की प्राप्त करने में आपकी सहायाता करेंगा।
आप सभी को मेरे ओर से शुभकामनाएं और धन्यवाद!♡~
ɪᴛᴢᴛʀᴀɢɪᴄɢɪʀʟ❤
Explanation:
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, साथी शिक्षकों और मेरे प्यारे विद्यार्थियों मैं आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हुँ !
सबसे पहले मैं अपने साथी शिक्षकों और प्रधानाचार्य महोदय का धन्यवाद व्यक्त करना चाहता हुँ। आज 5 सितम्बर है और इस दिन का मेरे ह्रदय में विशेष स्थान है। आज से 20 वर्ष पहले 1 सितम्बर के दिन मैने इस विद्यालय में पढ़ाना शुरु किया था और उसके 4 दिन बाद शिक्षक दिवस का अवसर था, जिसपे मुझे भाषण देने के लिए बुलाया गया था।
आज 20 वर्ष बाद भी मैं फिर से उसी स्थान पर हुँ और विद्यालय भी वैसा ही है, शिक्षक और कर्मचारी भी लगभग वैसे ही है बस विद्यार्थियों के चेहरे हर साल बदल जाते है। वैसे तो जब विद्यार्थी यहां से उर्तीण होकर निकलते है तो हमें खुशी और गर्व महसूस होता है हालांकि इसके साथ ही उनसे बिछड़ने का गम भी होता है।
वैसे तो मैं आज भावुक नही होना चाहता क्योंकि आज खुशी और उत्सव का अवसर है। सबसे पहले तो मैं इस शानदार कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए अपने सभी विद्यार्थियों को धन्यवाद देना चाहूँगा। मुझे विश्वाश है कि शिक्षक दिवस के बारे में और यह 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में आप सब को पता ही होगा। फिर भी आपकी जानकारी के लिए आपको बता दुं की इस दिन सन् 1888 को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन का जन्म हुआ था, जोकि एक महान दार्शनिक और विद्वान थे, जो आगे चलकर एक बहुत ही प्रसिद्ध शिक्षक बने तथा आजादी के बाद वह भारत के उप-राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भी बने।
वैसे तो हर वर्ष यह दिन शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है, पर इस वर्ष आज का यह दिन अपने प्रिय विद्यार्थियों को समर्पित करना चाहूँगा। मुझे अपने माता-पिता के तरह इतना प्यार और सम्मान देने के लिए मैं इस मंच से अपने सभी विद्यार्थियों को धन्यवाद देना चाहूँगा। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूँ जो मेरा मेरे छात्रो के साथ इस तरह का संबंध है। हाँ मैं यह बात जरुर स्वीकार करुंगा कि कई बार मैं नाराज हो जाता हुँ और आप सभी के साथ कड़ाई से पेश आता हुँ पर यह इसलिए करता हूँ कि आप अपने मार्ग से ना भटके और अपने पढ़ाई पर ध्यान दें। विद्यालय आपके सफलता के प्रथम सीढ़ी की आधारशिला है, इसलिए मैं चाहता हुँ कि आप सब अपने जीवन में तरक्की प्राप्त करें।
इस वर्ष हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों ने पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लिया और तीन स्वर्ण पदक तथा दो रजत पदक प्राप्त किये। यह हम सबके लिए एक बहुत ही गौरवनित करने वाला अवसर था मैं अपने उन सभी विद्यार्थियों का शुक्रिया अदा करना चाहूँगा जिन्होंने अपने पढ़ाई के साथ ही समय बचाकर प्रतियोगिता के लिए भी अभ्यास किया।
आज के दिन मैं सभी छात्रों से कहना चाहता हूँ कि आप सभी खेल-कूद जैसी अन्य गतिविधियों में जरुर हिस्सा ले। पढ़ाई आपकी प्राथमिकता होनी चाहिये पर आपको अपने जीवन का आनंद लेना भी नही भूलना चाहिये। आपको अपने पसंद के एक कार्य में अवश्य हिस्सा लेना चाहिए, चाहे वह खेल हो या पहेली, कला, संगीत, नाटक, चित्रकारी आदि में से ही एक क्यो ना हो आप हमेशा अपने रुचियों में हिस्सा लेने की कोशिश किजिये क्योंकि यह आपको एक बेहतर इंसान बनने में और जीवन में तरक्की प्राप्त करने में आपकी सहायाता करेंगा।
आप सभी को मेरे ओर से शुभकामनाएं और धन्यवाद!