Political Science, asked by aadarsh1986, 6 months ago

शॉक थेरेपी की सर्वोपरी मान्यता क्या थी।​

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Answered by snehagayakwad83
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Answer:

इसका अर्थ था सोवियत संघ के दौर की हर संरचना में पूरी तरह मुक्ति पाना। 'शॉक थेरेपी' की सर्वोपरि मान्यता थी कि मिल्कियत का सबसे प्रभावी रूप निजी स्वामित्व होगा। इसके अंतर्गत राज्य की संपदा के निजीकरण और व्यावसायिक स्वामित्व के ढांचे को तुरंत अपनाने की बात शामिल थी।

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