Hindi, asked by mhadimasani, 3 months ago

शिखर का बचपन …….ववचारों स अभिभूत था ।(कततकारी, ववदेिी) ​

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Answered by Anonymous
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lमनुष्य ज्यों-ज्यों बड़ा होता जाता है, उसके मन में अनेक प्रकार के भेद-भाव उत्पन्न होते हैं। बचपन इन सारे भेदभावों से ऊपर होता है। कवयित्री भी यही बताती है कि वह बचपन में यह जानती ही नहीं थी कि कौन ऊँचा होता है, कौन नीचा होता है। किसे छूना चाहिए किसे नहीं छूना चाहिए। उसे यह भी बोध नहीं था कि वह झोंपड़ी में रह रही है या राजभवन में। उसके शरीर पर कैसे कपड़े हैं। वह तो अपने मन की रानी बनी हुई थी।

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