श्लोकाः
1.
हस्तस्य भूषणं दानं, सत्यं कण्ठस्य भूषणम्।
श्रोतस्य भूषणं शास्त्रं, भूषणैः किं प्रयोजनम्॥ ise hindi me explain karo koi
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हस्तस्य भूषणं दानं सत्यं कण्ठस्य भूषणम् । श्रोत्रस्य भूषणं शास्त्रं भूषणैः किं प्रयोजनम् ।।" अर्थः---हाथ का गहना दान करना है, कण्ठ (गले) का आभूषण सत्य का यथोचित व्यवहार करना है, कानों का भूषण वेद-आदि शास्त्रों व सद्ग्रन्थों का स्वाध्याय और महान् गुरुओं व विद्वानों से श्रवण करना है ।
namrata171291:
thanks
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hiiii............. follow me
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